रायबरेली: गोशाला में तड़प तड़प पर कर मर गई एक दर्जन गाएं , जिम्मेदारों को खबर नहीं
ऊंचाहार (रायबरेली) सरकार ने गोरक्षा की प्राथमिकता तय की तो जिम्मेदार अधिकारियों में ऐसी गोभक्ति जागी कि लगता था अब गोमाता के दिन भी बहुरेंगे । लेकिन दुर्व्यवस्था ऐसी पैदा हुई कि गाय माता तड़प तड़प कर मर रही है और जिम्मेदार गोभक्त बेखबर है । ऊंचाहार के गोकर्ण ऋषि गोशाला में दो दिन के अंदर दस गायों ने तड़प कर जान दे दी । गांव के लोग बेबसी का हवाला देते है तो अधिकारी पूरी जिम्मेदारी का सरकारी दस्तावेज पेश कर रहें है। लेकिन यहां आस्था को धक्का लगा रहा है । धार्मिक भावना भी तार तार हो रही है।ऊंचाहार के पट्टी रहस कैथ वल ग्राम पंचायत में लाखों रुपए की लागत से गोशाला बनाई गई थी । इस गोशाला की क्षमता 280 गायों की है । जिसके सापेक्ष में 340 गायों को भरा गया है । गोशाला में गायों को सड़ा हुआ भूषा दिया जा रहा है । भारी उमस भरी गर्मी में पानी तक की मुक्कल व्यवस्था गोशाला में नहीं है । ऐसी दशा में भूख और प्यास से तड़पती गोमाता जान दे रही है । गुरुवार को इस गोशाला में छह गायो की मौत हुई थी । उसके बाद भी जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगी । जिसका परिणाम यह हुआ है कि शुक्रवार को चार और गायों ने तड़पकर जान दे दिया । ग्रामीण बताते है कि इसी सप्ताह कुल एक दर्जन गायों की मौत हो चुकी है । गोशाला में गायों के लिए आहार , चिकित्सा , अन्य सुविधा का सरकारी दस्तावेजों में पूरा अभिलेख मुकम्मल है । लेकिन धरातल पर गोशाला में बदहाली ही बदहाली है ।