रायबरेली:तहसीलदार ने अधिवक्ताओं के साथ किया द्रूव व्यवहार



डलमऊ रायबरेली डलमऊ तहसील परिसर में स्थानांतरण होने के बाद तहसीलदार अपनी मनमानी कर शैली करने में जी तोड़ से लगे हुए हैं। शुक्रवार को डलमऊ तहसील परिसर में अधिवक्ताओं ने विभिन्न समस्याओं एवं फैले भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा एक बैठक होनी थी। जिसका प्रस्ताव डलमऊ तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र बहादुर सिंह एवं महामंत्री मनोज सिंह के द्वारा दिया गया था। अधिवक्ताओं का प्रस्ताव न्यायालय उपजिलाधिकारी, न्यायालय नायब तहसीलदार कोर्ट में मानकर वादी एवं प्रतिवादियों को संबंधित तारीख दे दी गई। परंतु तहसीलदार न्यायालय में अधिवक्ताओं की समस्याओं के संबंध में बैठक को दरकिनार कर कोर्ट के बाहर मुकदमों की पुकार कराई गई। इसके बाद संगठन के पदाधिकारी प्रस्ताव के संबंध में जब बात करने गए तो उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव हम नहीं मानेंगे जिसके बाद अधिवक्ताओं ने तहसीलदार मुरादाबाद किनारे लगाए, इतना ही नहीं अधिवक्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन पर फरियादियों ने भी तहसीलदार को जमकर खरी खोटी सुनाई। डलमऊ तहसील परिसर में तहसीलदार का स्थानांतरण होने के बाद आदेशों में जमकर मनमानी की जा रही है, जो एक के बाद एक मामले संज्ञान में आ रहे हैं। तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र बहादुर सिंह सहित करीब दो दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने तहसीलदार द्वारा फैलाई जा रहे भ्रष्टाचार का जमकर विरोध किया।


तहसीलदार न्यायालय का अधिवक्ताओं ने किया बहिष्कार

डलमऊ तहसील परिसर में तैनात तहसीलदार का स्थानांतरण बीते 4 अगस्त को बागपत किया जा चुका है। इसके बावजूद तहसीलदार द्वारा लगातार कोर्ट संचालित कर आदेश पर आदेश किया जा रहे हैं जिससे आपत्तिकर्ताओं को अपनी बात न्यायालय में रखने के लिए कोई मौका नहीं मिल रहा है। उपरोक्त मामले को लेकर अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को एसडीएम अभिषेक वर्मा को ज्ञापन देकर तहसीलदार न्यायालय को सामूहिक रूप से बहिष्कार करने की बात कही।

फरियादियों से हुई तहसीलदार की नोक झोंक

डलमऊ तहसीलदार न्यायालय में दाउदपुर रामनगर निवासी राम बहादुर पुत्र मोहन का मुकदमा पूरे वनमजरे बसंतपुर कोठइय्या निवासिनी शांति सिंह पत्नी विनोद बहादुर सिंह के मध्य मुकदमा बेचारा दिन था। मामले में राम बहादुर पुत्र मोहन अपनी भूमि गाटा संख्या 136 मिलजुमला का बैनामा किया था। उसके बाद भूमि विक्रेता ने दाखिल खारिज न हो इसके संबंध में आपत्ति लगा दी। परंतु इससे पहले ही 7 अगस्त तहसीलदार न्यायालय से आदेश पारित कर दिया गया। आपत्ति लगने के बाद भूमि की दाखिल खाई होने पर आपत्ति करता का गुस्सा सातवें आसमान पर हो गया शुक्रवार को भरी कोर्ट में ही पीड़ित ने तहसीलदार को जमकर खरी खोटी सुनाई। मामला एसडीएम अभिषेक वर्मा के पास पहुंचने पर उन्होंने पीड़ित को शांत कराया और समस्या का निस्तारण कराए जाने का अवश्वासन दिया है।