रायबरेली: सौभाग्य योजना विशेष रूप से गरीब लोगों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता नहीं मिले कनेक्शन

ऊँचाहार,रायबरेली। वर्ष 2014 में केन्द्र की सरकार बदलते ही जनता में भजपा सरकार से उम्मीदें भी बढ़ी थी । जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिये उत्तर प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के सभी गाँवों में बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से सौभाग्य योजना की शुरुआत 25 सितम्बर 2017 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर की गयी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सहज बिजली हर घर योजना यानी सौभाग्य योजना शुरू की थी। सौभाग्य योजना विशेष रूप से गरीब लोगों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने भले ही करोड़ो लोगों को सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन देकर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता व लापरवाही के चलते अब भी बहुत से ऐसे परिवार है जो अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। जहाँ देश की आज़ादी के बाद भी आजतक विद्युत लाइन नहीं पहुँची है। इसे जिम्मेदारों की लापरवाही कहा जा सकता है। मामला तहसील क्षेत्र के मुतवल्लीपुर गांव से सामने आया है।जहां गांव के ही अब्दुल अजीज, अब्दुल हसन, शरीफ, नियाज, मकबूल,व महमूद हसन के परिवार अब भी अंधेरे में रहने को मजबूर हैं, पीड़ितों का दर्द है जो बयाँ कर रही है कि हम लोगों ने कई बार स्थानीय विद्युत उपकेंद्र पर इसकी शिकायत भी कर चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई हैं ,और पीड़ितों का आरोप है कि स्थानीय विद्युत कर्मचारियों द्वारा कनेक्शन कराने के नाम पर 2 हजार रुपये की मांग की जाती हैं और हम लोग गरीब होने के चलते पैसा नहीं दे पाये इसलिए कनेक्शन भी नहीं हो पाया है। इन घरों में बिजली न होने से बच्चों को पढ़ाई करने में समस्या होती है। इस महामारी में वर्चुअल (ऑनलाइन) शिक्षा का वक़्त है। जिस कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित है। तो कैसे पढ़ेंगे बच्चे और क्या होगा इनका भविष्य? ये परिवार चिराग के सहारे अन्धेरे का सामना कर रहे है। फिलहाल पीड़ित परिवारों का कहना है कि अगर बिजली कनेक्शन नहीं होगा तो हम लोग कहीं ज्यादा जाकर अपना आशियाना बनायेंगे। इस बावत एक्सईएन ऊँचाहार ने बताया ने की सौभाग्य योजना के अंतर्गत मुफ़्त कनेक्शन की जिम्मेदारी हमारी नहीं है बल्कि जिले के अधिकारियों की है। हमारे पास नकद भुगतान करने वालों को ही विद्युत कनेक्शन दिया जाता है। अस्तु इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है।