रूस यूक्रेन जंग के दौरान दुनिया के प्रमुख देशों की नजरें रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर टिकी हुई हैं। अमेरिका और नाटो के सदस्य देश इस युद्ध के लिए पुतिन को दोषी करार दे रहे हैं। अमेरिका ने तो यहां तक कहा है कि यूक्रेन में जानमाल की क्षति को देखते हुए पुतिन पर युद्ध का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अमेरिका में यह मांग तेज हो गई है। यूक्रेन में जंग के दौरान हुई त्रासदी को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति को कुछ अतिरिक्त जोखिम पैदा हो गए हैं। ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं। कैसे होती है रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा। उनकी सुरक्षा के क्या-क्या इंतजाम हैं। पुतिन जब देश में होते हैं तब उनकी सुरक्षा कैसे होती है और जब वह किसी देश के भ्रमण पर होते हैं तब उनके सुरक्षा के क्या इंतजाम होते हैं।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह रूसी राष्ट्रपति के सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम हैं। रूसी राष्ट्रपति और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जो एजेंसी काम करती है उसे रूस में रूसी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के नाम से जाना जाता है। यह रूस की संघीय सुरक्षा सेवा को रिपोर्ट करती है। इसका संगठन केजीबी से हुआ था। रूस में केजीबी रूसी अधिकारियों को सुरक्षा देने का काम करता है। राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा में रूसी नेशनल गार्ड होते हैं। पुतिन ने छह वर्ष पूर्व इस सेवा का गठन किया था और कुछ लोग इसे राष्ट्रपति की व्यक्तिगत सेना भी कहते हैं। पुतिन की सुरक्षा का जिम्मा इन्हीं रूसी नेशनल गार्ड पर है, वह काफी हद तक पुतिन के निजी गार्ड हैं। यह रूसी सशस्त्र बलों से अलग है। हालांकि, इसका आधिकारिक मिशन रूसी सीमाओं को सुरक्षित रखना, आतंकवाद से लड़ना और सार्वजनिक कानून व्यवस्था की रक्षा करना है। व्यावहारिक रूप से इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य खतरों से पुतिन की रक्षा करना है।
जब राष्ट्रपति पुतिन विदेश के दौरे पर होते हैं तो उनकी सुरक्षा चार चरणों में होती हैं। इस दौरान उनका सबसे करीबी घेरा उनके अपने निजी गार्ड्स का होता है। यह सुरक्षा गार्ड काले सूट पहले कानों में इयरफोन लगाए परछाई की तरह दिन-रात पुतिन के साथ रहते हैं। यह उनकी सुरक्षा का पहला चरण है। यह सुरक्षा का बेहद अहम चरण है। दूसरे सुरक्षा घेरे में वह गार्ड्स होते हैं, जिन पर जनता का ध्यान कतई नहीं जाता। उनकी सुरक्षा में लगा तीसरा घेरा भीड़ की परिधि को घेरता है और वह उनके इर्दगिर्द संदिग्ध लोगों को आने से रोकता है। चौथा और सबसे आखिरी घेरा आसपास की इमारतों की छतों पर स्थित स्नाइपरों का होता है।