पंजाब में चली तमाम उठापटक के बीच चरणजीत सिंह चन्नी के हाथ मुख्यमंत्री कुर्सी आई। चन्नी सूबे मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ लेंगे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक समारोह ज्यादा बड़ा नहीं होगा। इसमें अन्य बड़े नेता भी शामिल नहीं होंगे। चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार सुबह 11 बजे राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। बता दें कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच महीनों तक चली खींचतान के बाद अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने खुद जाकर अपना इस्तीफा पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को सौंपा था।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने इस्तीफे के बाद स्पष्ट किया कि मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब हाईकमान जिसे मुख्यमंत्री बनाना चाहता है, उसे बनाए। लेकिन कैप्टन ने कहा कि मैं सिद्धू के नाम का विरोध करुंगा। अमरिंदर सिंह ने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि वह अपमानित महसूस कर रहे हैं जबकि हाईकमान ने उन्हें तीन बार बुलाया था। रेस में आगे चल रहे अंबिका सोनी, सुनील जाखड़ और सुखजिंदर सिंह रंधावा को पीछे छोड़ते हुए हरीश रावत ने अचानक मुख्यमंत्री के रूप में चमकौर साहिब से विधायक चरणजीत चन्नी के नाम का ट्वीट कर सबको चौंका दिया। इसी के साथ उन दावेदारों के चेहरे भी लटक गए, जिनके यहां दोपहर तक जश्न मन रहा था। दलित नेता चन्नी निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे।
पंजाब सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, चन्नी तीन कार्यकाल के लिए नगर पार्षद रहे और दो कार्यकाल के लिए नगर परिषद खरड़ के अध्यक्ष बने। वह 2007 में पहली बार चमकौर साहिब सीट से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह 2012 में और फिर 2017 में फिर से विधानसभा सीट के लिए चुने गए। 2015 में, चन्नी को 14 वीं पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था। लेकिन भाजपा ने मीटू नाम लाकर एक नए विवाद को हवा देने की कोशिश कीहै।