श्रीलंका के विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से पहले पद छोड़ने की मांग की है। मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है। राजपक्षे ने बुधवार को पद से इस्तीफा देने का वादा किया है। बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में आम सहमति से फैसला लिया गया। एक फैसला विक्रमसिंघे के शीघ्र इस्तीफे की मांग से संबद्ध है, जबकि अन्य फैसलों में स्पीकर से यह आग्रह करना शामिल है कि वह राष्ट्रपति के इस्तीफे के प्रभावी होने से पहले प्रधानमंत्री को बर्खास्त करें। वहीं, प्रदर्शनकारी संसद के काफी करीब पहुंच गए हैं।
तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एम.ए. सुमंतीरन ने कहा कि इस सिलसिले में फैसला एक सर्वदलीय बैठक में लिया गया जिसमें सरकार में शामिल दलों के नेताओं को छोड़कर अन्य सभी नेता शरीक हुए। इस बीच, सामगी जन बालेवेगया से मुख्य विपक्षी सचेतक लक्ष्मण किरिएला ने कहा कि तीनों सशस्त्र बलों के कमांडर भी बैठक में शरीक हुए। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री पार्टी के नेताओं से कन्नी काट रहे हैंतीनों कमांडर ने सूचित किया कि प्रदर्शनकारी संसद के द्वार के नजदीक हैं और बल पूर्वक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हटाने की अनुमति चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम इस तरह के अनुरोध पर सहमत नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आखिरकार पार्टी नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई। नेताओं ने कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने को लेकर विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने की स्पीकर से मांग की।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति राजपक्षे बुधवार को देश छोड़ कर मालदीव भाग गए, जहां से उन्होंने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया। स्पीकर महिंदा यापा अबेयवारदेना ने कहा है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने टेलीफोन पर उन्हें सूचित किया कि वह वादे के मुताबिक आज इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि नये राष्ट्रपति के लिए मतदान 20 जुलाई को होगा। विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल लागू कर दिया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया है।