माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार यानी आज लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर अपहरण केस में माफिया और उसके बेटे उमर सहित 12 आरोपियों पर CBI की स्पेशल कोर्ट में आरोप तय होंगे। इन पर आरोप है कि 2018 में प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को जबरन अगवा किया था। इसके बाद देवरिया जेल में लाकर उनकी पिटाई की। इस काम में माफिया के 10 समर्थकों ने मदद की थी।
हालांकि शुक्रवार को गुड फ्राइडे है। गुड फ्राइडे पर छुट्टी को देखते हुए लखनऊ बार एसोसिएशन की तरफ से कार्य न किए जाने का फैसला किया गया है। ऐसे में शुक्रवार को सभी 12 आरोपियों पर आरोप तय होंगे या नहीं। इस पर फिलहाल संशय बना हुआ है।
इस केस को CBI के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह देख रहे हैं। उन्होंने मामले में आरोपी अतीक और उसके बेटे उमर को आरोपों से मुक्त (डिस्चार्ज) करने की अर्जी 27 मार्च को खारिज कर दी थी। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 7 अप्रैल की तारीख तय की थी। साथ ही जमानत पर रिहा सभी आरोपियों को भी उस दिन व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने को कहा था।
कोर्ट ने CBI को आदेश दिया है कि वह जेल में बंद सभी आरोपियों को व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश करें। मामले में आरोपी पवन सिंह, जफरुल्ल मोहम्मद फारूख, इरफान अहमद, महेंद्र सिंह, योगेश कुमार, नीतीश मिश्रा, गुलाम मोईन सिद्दीकी, मोहम्मद हमजा और जकी अहमद की डिस्चार्ज अर्जी कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी है।
2018 में प्रॉपर्टी डीलर मोहित के साथ देवरिया जेल में हुई थी मारपीट अतीक अहमद दिसंबर 2018 में यूपी के देवरिया जेल में बंद था। उस समय लखनऊ के आलमबाग के रहने वाले कारोबारी मोहित जायसवाल उससे मिलने जेल में आया था। बाद में उसने आरोप लगाया था कि अतीक के इशारे पर गुर्गें उसे जबरन लखनऊ से उठाकर एसयूवी से देवरिया जेल ले गए थे।
जेल में अतीक अहमद से मुलाकात कराई गई। जेल में अतीक के बेटे उमर और गुर्गों ने उसकी पिटाई की और जान से मारने धमकी दी। साथ ही करोड़ों की जमीन पर जबरन साइन करा लिया गया। मोहित से अतीक के गैंग ने रंगदारी भी मांगी थी।
घटना की विवेचना कृष्णा नगर पुलिस ने 2018 में की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेकर सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 12 जून 2019 को मामले की जांच शुरू की। मामले में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग चार चार्जशीट दाखिल की गई हैं।