कांग्रेस राहुल गांधी के राजस्थान पहुंचने से पहले पार्टी में एकजुटता को लेकर कोई भी दावा करे, मगर जमीन पर हकीकत ऐसी नहीं है। ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के स्वागत मे लगे पोस्टर एक अलग ही कहानी बयां कर रहे हैं। राहुल गांधी राजस्थान में करीब 18 दिनों तक यात्रा करेंगे। ऐसे में पोस्टर पॉलिटिक्स का नजारा अभी से सड़कों पर दिखना शुरू हो गया है।
यात्रा मध्यप्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करेगी। इसको लेकर लगाए गए बैनर और पोस्टरों पर झालावाड़ तक हमें सिर्फ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ही दिखाई दिए। सड़क के दोनों ओर पोस्टरों पर राहुल गांधी और सचिन पायलट की बड़ी-बड़ी तस्वीरें दिखाई दे रही थीं। बमुश्किल ही कहीं सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का चेहरा दिखाई दिया।
कोटा से आते हुए झालावाड़ में प्रवेश करते ही राहुल गांधी के स्वागत में हजार के करीब बैनर दिखाई दिए। झालावाड़ में बस स्टैंड पर हर तरफ सिर्फ सचिन पायलट ही नजर आ रहे थे। आगे बढ़े तो डिवाइडरों पर, लाइट पोल्स पर, घरों पर, होर्डिंग्स पर सिर्फ पायलट ही दिखाई दिए।
झालावाड़ में चारों सीटें बीजेपी के पास हैं। मगर यहां चुनाव लड़ चुके विधायक प्रत्याशी और संगठन में मजबूत पदााधिकारियों ने राहुल के स्वागत में जो पोस्टर लगाए हैं, उनमें सचिन पायलट को खासी जगह दी गई है
इस इलाके में किसका दबदबा है, यह जानने के लिए जब हमने लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि पायलट इस इलाके में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने 2017 में पीसीसी चीफ रहते हुए बांरा से झालावाड़ 100 किमी की पैदल यात्रा की थी। इसके अलावा यहां गुर्जर समुदाय भी अच्छी संख्या में है।
दो महीने पहले भी दिल्ली से लौटते हुए पायलट सीधे झालावाड़ आए थे। यहां पर पायलट ने रैली और सभा कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया था। वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत पिछले लोकसभा चुनाव के प्रचार के बाद से एक बार भी यहां नहीं आए। यही वजह है कि पायलट यहां मजबूत हैं।
झालावाड़ से कोटा पहुंचे तो यहां स्थितियां अलग थीं। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में काफी काम कराया है। ऐसा कोटा के लोग कहते हैं। ऐसे में धारीवाल कोटा शहर से राहुल को गुजारकर अपनी गुड गवर्नेंस दिखाना चाहते हैं। धारीवाल को कांग्रेस ने इस्तीफा पॉलिटिक्स को लेकर अनुशासनहीनता का नोटिस दिया था। ऐसे में कांग्रेस में जोरदार स्वागत और शहर का विकास दिखाकर धारीवाल राहुल गांधी का दिल जीतने की तैयारी में हैं।
कोटा में धारीवाल का गढ़ होने से यहां कोशिश होगी कि सीएम अशोक गहलोत, खुद मंत्री शांति धारीवाल और सरकार के काम काज को दिखाया जाए। यही वजह है कि यात्रा को शहर के अंदर से गुजारा जा रहा है। यह कोशिश इसलिए भी है क्योंकि हाल ही में कोटा देहात जिलाध्यक्ष सरोज मीणा खुलकर पायलट को जिम्मेदारी देने की बात कर चुकी हैं। ऐसे में गहलोत खेमे की कोशिश यात्रा को कोटा शहर से गुजारकर गहलोत का दबदबा बताने की है।
इधर राहुल गांधी को अपनी फ्लैगशिप योजनाओं से रूबरू कराने के लिए रूट के पूरे रास्ते पर योजनाओं के बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें चिरंजीवी को हेल्थकेयर का राजस्थान मॉडल बताया गया है। राजस्थान में हुई भर्तियां, रोजगार देने, किसानों को हर माह बिजली बिल अनुदान देन जैसी जो भी स्कीम राजस्थान सरकार लाई, उनके बड़े-बड़े बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं।
खास बात ये है कि ये बैनर-पोस्टर उन जगहों के आसपास लगाए गए हैं। जहां या तो राहुल गांधी नाइट स्टे करेंगे या फिर लंच ब्रेक के बाद रेस्ट करेंगे। सियासी गुटबाजी के बीच इन सबसे गहलोत का सीधा फोकस राजस्थान में गवर्नेंस और सरकारी योजनाओं को बताना होगा। सियासी संकट के बीच गहलोत लगातार यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने जो योजनाएं शुरू की, वो लोगों को पसंद आ रही हैं। राहुल खुद भी गहलोत सरकार की योजनाओं की तारीफ कर चुके हैं।
राजस्थान में अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी का नाइट स्टे दो ऐसी जगह होगा, जिनके निर्माण का श्रेय विरोधियों को जाता है। झालावाड़ में राहुल गांधी जिस खेल संकुल में रुकेंगे। उसका नाम विजयाराजे सिंधिया खेल संकुल है। इसे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बनवाया था। वहीं इसी तरह जब राहुल की यात्रा दौसा पहुंचेगी तो उन्हें मीणा हाईकोर्ट में रुकवाया जाएगा। मीणा हाईकोर्ट बनाने का श्रेय बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को जाता है।
7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान पहुंचने की संभावना है। राहुल गांधी फिलहाल उज्जैन से निकल चुके हैं और आगर मालवा क्षेत्र में रहेंगे। यहां से वे चवली नदी को पार कर राजस्थान के झालावाड़ जिले और झालरापाटन विधानसभा से राजस्थान में प्रवेश करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में वे सबसे लंबा सफर पैदल तय करेंगे।
राहुल गांधी यहां 15 से 18 दिनों में 521 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे 7 जिलों झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, टोंक, दौसा और अलवर की 18 विधानसभाओं से गुजरेंगे। यात्रा के दौरान टोंक जिले में सिर्फ 5-6 किलोमीटर का हिस्सा कवर होगा।
राजस्थान में राहुल की यात्रा के दौरान पड़ने वाली 18 सीटों में से ज्यादातर सीटें गुर्जर-मीणा बाहुल्य हैं। कुछ एक सीटों को छोड़ ज्यादातर पर या तो गुर्जर या मीणा समाज प्रभावी हैं। वहीं कुछ सीटें ऐसी हैं जहां दोनों समुदाय मिलकर बड़ा वोट बैंक बनाते हैं। ऐसे में यहां सचिन पायलट का दबदबा ज्यादा है। यहां 18 में से 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। जबकि 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। रूट की तैयारियों को लेकर यह तय है कि यात्रा के दौरान राजस्थान में नेताओं का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।