यूपी में चौथे नम्बर की पार्टी बन चुकी ‘कांग्रेस’ अब वापस अपनी स्थिति मजबूत करने की भरपूर कोशिश में लगी है. यही वजह है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एक बार फिर मंगलवार को यूपी के सोनभद्र का दौरे पर हैं. ये कोई पार्टी का कार्यक्रम नहीं बल्कि उसी उम्भा गांव का दौरा होगा जिस उम्भा गांव में हुए जमीनी विवाद में 10 लोगों की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि प्रियंका के साथ इस दौरान पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी उम्भा पहुंचेंगे.
हर घटना के पीछे क्या कांग्रेस दोषी
यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता हिलाल नकवी ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि प्रियंका गांधी का सोनभद्र दौरा राजनीतिक लाभ लेने के लिए नहीं है, बल्कि यूपी सरकार के दावों की हकीकत जानने के लिए पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने आ रही हैं. वहीं सोनभद्र नरसंहार के पीछे मूल जड़ कांग्रेस से जोड़ कर देखने के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश में कही भी कोई घटना घटती है बीजेपी सीधे तौर पर कांग्रेस पर आरोप लगाती है. बीजेपी हमेशा से जिम्मेदारी लेने से बचती आई है.
निरंकुश सरकार को जगाना- कांग्रेस
यूपी में कुछ दिनों से प्रियंका गांधी की सक्रियता बढ़ गई हैं, इस सवाल पर नकवी कहते हैं कि कांग्रेस हमेशा से सकरात्मक राजनीतिक करती आई है. यहीं वजह है कि कांग्रेस के दबाव के आगे यूपी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. उन्होंने कहा कि निरंकुश सरकार को जगाने के लिए प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश का दौरा कर रही है. नकवी ने कहा कि अब तक पीड़ित परिवारों को उनकी ज़मीन पर हक नहीं मिल सका है. लिहाज़ा प्रियंका एक बार फिर इन पीड़ित परिवारों से मिलकर राज्य सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाएंगी.
ओछी राजनीति और नाटक- बीजेपी
प्रियंका गांधी वाड्रा के सोनभद्र दौरे से पहले यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है. यूपी बीजेपी के प्रवक्ता डॉ चन्द्रमोहन ने कहा कि कांग्रेस महासचिव ओछी राजनीति और नाटक कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सोनभद्र के ज़मीन विवाद की जड़ 1955 में कांग्रेस की सरकार थी. बीजेपी प्रवक्ता ने दावा करते हुए कहा कि प्रियंका वाड्रा अब सिर्फ सोनभद्र के गुनहगारों की मदद करने के लिए आ रही हैं.
दरअसल इस पूरे मामले पर सरकार द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 1955 में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सोसायटी बनाकर ग्राम समाज की ज़मीन पर कब्जा कर लिया था, जिसकी वजह से मामला इतना बढ़ा कि 10 लोगों की हत्या हो गई.
पीड़ित परिवारों से मिली थीं प्रियंका
प्रियंका गांधी इससे पहले 19 जुलाई को भी सोनभद्र दौरे के लिए वाराणसी होते हुए मिर्जापुर तक पहुंची थीं लेकिन उम्भा में हालात ठीक ना होने की वजह से उन्हें रोककर चुनार के किले में रखा गया था. प्रियंका अपनी ज़िद पर अड़ी रहीं और डेढ़ दिन तक कैंप कर सोनभद्र के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्होंने कांग्रेस की तरफ से 10-10 लाख रूपयों की मदद की घोषणा की थी. ये धनराशि पीड़ित परवारों को अजय कुमार लल्लू के हाथों वितरित की जा चुकी है. इस पूरे हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे के दौरान देश भर के कांग्रेसियों ने उग्र प्रदर्शन किये थे.
2022 के विधानसभा चुनावों पर नजर
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की नज़र 2022 के विधानसभा चुनावों पर है. चुनाव होने में अभी क़रीब ढाई साल का समय है जिसमें कांग्रेस को ख़ुद को लड़ने की स्थिति में दिखाने के लिए बहुत कुछ करना है. शायद यही वजह है कि प्रियंका गांधी यूपी से जुड़े मुद्दों पर लगातार सक्रिय दिखाई दे रही हैं.