ब्रिटेन के राजा के तौर पर ताजपोशी हो रही प्रिंस चार्ल्स की, पढ़िए रिपोर्ट

27 अक्टूबर 1981 की बात है। प्रिंस चार्ल्स अपनी 20 साल की पत्नी प्रिसेंस डायना के साथ हनीमून से लौटकर वेल्स शहर पहुंचते हैं। यहां उनके स्वागत में लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस दौरान लोगों की नजर प्रिंस चार्ल्स से ज्यादा उनकी पत्नी डायना पर होती है। लोग चार्ल्स को छोड़कर प्रिंसेस डायना से हाथ मिलाना चाहते हैं।
ये बात प्रिंस चार्ल्स के अपनी ही पत्नी से जलने की शुरुआत थी। अब इस घटना के 42 साल बाद चार्ल्स की ब्रिटेन के राजा के तौर पर ताजपोशी हो रही है।
6 फरवरी को ब्रिटेन के राजा किंग जॉर्ज VI का निधन होता है। इसके बाद उनकी बेटी जिसे जॉर्ज प्यार से ‘लिलिबेट’ कहते थे, वो राजगद्दी पर बैठती हैं। दुनिया इन्हें क्वीन एलिजाबेथ II के नाम से जानती है। अब तक राजनीति से दूर रही एलिजाबेथ की जिंदगी 1953 में रानी बनने के बाद पूरी तरह से बदल जाती है। इसका असर उनके दो बच्चों पर भी पड़ता है। किंग चार्ल्स उन्हीं में से एक थे। जिनका जन्म 1948 में हुआ था। महारानी के सबसे बड़े बेटे होने के चलते वो 5 साल की उम्र में राजगद्दी के उत्तराधिकारी बन जाते हैं।
चार्ल्स जब पैदा हुए तो शारीरिक रूप से काफी कमजोर थे। इसकी वजह से उनकी मां और पिता प्रिंस फिलिप बेहद निराशा थे। एक बार तो किंग चार्ल्स ने खुद ही एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां को लगता था कि वो मंद बुद्धि हैं। चार्ल्स घोड़ों से डरते थे, खेलकूद में भी अच्छे नहीं थे।

जबकि उनकी बहन प्रिंसेस एन ये सारी चीजें बड़ी आसानी से कर लेती थी। इसी वजह से प्रिंस फिलिप अपने बेटे चार्ल्स से ज्यादा बेटी एन को पसंद करते थे। उन्हें लगता था कि चार्ल्स जरूरत से ज्यादा इमोशनल हैं। चार्ल्स को राजा के तौर पर तैयार करने के लिए फिलिप उन्हें स्कॉटलैंड में बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने भेजते हैं। जहां दूसरे स्टूडेंट्स उन्हें बुली यानी परेशान करते थे।

स्कूल खत्म करने के बाद चार्ल्स का कम नंबर होने के बावजूद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में दाखिला होता है। यहां हुई आखिरी परीक्षा में भी उन्हें बहुत कम नंबर मिलते हैं। जिसका जिम्मेदार उनकी रॉयल ड्यूटी को ठहराया जाता है।
राज परिवार के सदस्यों के लिए ब्रिटेन की फौज में सेवा देना जरूरी होता है। इसी के चलते चार्ल्स ने अपने पिता प्रिंस फिलिप की जिद पर रॉयल नेवी जॉइन की थी। यहां भी वो नेविगेटर के तौर पर ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। इसके चलते उन्हें कम्युनिकेशन ऑफिसर बना दिया गया था।

चार्ल्स के नेवी छोड़ने पर भी बड़ा विवाद हुआ था। जिसका खुलासा चार्ल्स के साथ नेवी में काम कर चुके उनके साथी पॉल हेंके ने किया था। 2015 की एक डॉक्यूमेंटरी में उन्होंने बताया था कि एक बार चार्ल्स नॉर्थ वेल्स में नेवी एक्सर्साइज पर निकले थे। इस दौरान उन्हें जहाज का एंकर ऊपर करना था ताकि वो आगे बढ़ सकें।

हालांकि एंकर पर बंधी एक वायर की वजह से घंटों मशक्कत के बाद भी ऐसा नहीं हो पाया। इसके चलते नेवी के अफसरों ने चार्ल्स को काफी डांटा था। नतीजा ये हुआ कि घटना के 3 महीने बाद उन्होंने नेवी छोड़ दी। विदाई पर चार्ल्स के साथियों ने उन्हें गले में टॉयलेट सीट पहनाई। दरअसल, चार्ल्स के बारे में कहा जाता है कि वो जहां भी जाते हैं वहां अपने साथ टॉयलेट सीट का कवर जरूर साथ ले जाते हैं।
राजगद्दी का उत्तराधिकारी होने के चलते प्रिंस चार्ल्स की लव लाइफ में न सिर्फ ब्रिटेन की जनता बल्कि उनके परिवार की भी खूब दिलचस्पी थी। परिवार नहीं चाहता था कि वो किसी गलत लड़की को चुने। प्रिंसेस डायना से शादी करने से पहले चार्ल्स को कैमिला नाम की शादीशुदा महिला से प्यार हुआ था। जिसके बारे में वो अपने पिता से ज्यादा माउंटबेटन से बात करते थे। न्यूयॉर्कर के मुताबिक चार्ल्स अपने पिता की बजाए 1947 में भारत के आखिरी वायसराय रहे लॉर्ड माउंटबेटन के करीब थे।

माउंटबेटन लव लाइफ में भी चार्ल्स को सलाह देते थे। माउंटबेटन ने कई बार चार्ल्स की पर्सनल लाइफ पर पब्लिक में बयान दिए थे। एक बार तो उन्होंने कहा था कि चार्ल्स के बिस्तर में लड़कियों का आना जाना लगा रहता है। उन्होंने चार्ल्स को ये भी सलाह दी थी एक आदमी को जितना हो सके उतने अफेयर्स रखने चाहिए। माउंटबेटन ने तो प्रिंस के लिए पत्नी ढूंढ़ने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली थी।

पीपल मैग्जीन के मुताबिक 1972 में पहली बार चार्ल्स की मुलाकात कैमिला से हुई। इस दौरान पार्टी में कैमिला चार्ल्स से मजाक करती हैं। वो कहती हैं मेरी परदादी आपके परदादा की मिस्ट्रेस थी। दोनों के बीच हुआ ये मजाक धीरे-धीरे दोस्ती में बदल जाता है। हालांकि कुछ समय बाद ही चार्ल्स 1973 में रॉयल नेवी की ड्यूटी के लिए निकल जाते हैं। वहीं, कैमिला एंड्रयू पार्कर नाम के एक शख्स से शादी कर लेती है।
कैमिला पर लिखी एक किताब ‘द डचेस- कैमिला पार्कर बाउल्स एंड लव अफेयर दैट रॉक्ड द क्राउन’ के मुताबिक दोनों की शादी में तब दरार आनी शुरू होती है। जब कैमिला को पता चलता है कि एंड्रयू का चार्ल्स की बहन प्रिंसेस एन से अफेयर है। इसके बाद ही दोनों अलग रहना शुरू कर देते हैं। तभी कैमिला भी प्रिंस चार्ल्स से नजदीकियां बढ़ाना शुरु कर देती है। किताब में लिखा है कि अगर एंड्रयू ने प्रिसेंस एन के साथ अफेयर नहीं किया होता तो कैमिला भी प्रिंस चार्ल्स को डेट नहीं करती ।

चार्ल्स और कैमिला का रिश्ता कई उतार चढ़ाव से गुजरा। इस बीच चार्ल्स साराह स्पेंसर नाम की लड़की को डेट करना शुरू करते हैं। इसी के जरिए उनकी मुलाकात प्रिंसेस डायना से होती है। दरअसल, डायना स्पेंसर, साराह स्पेंसर की बड़ी बहन थी। 1977 में डायना सिर्फ 16 साल की थी जब उनकी मुलाकात चार्ल्स से हुई।
चार्ल्स कैमिला को पसंद करते थे, परिवार और खुद क्वीन एलिजाबेथ को ये बात पता थी। वहीं, चार्ल्स को राजगद्दी का उत्तराधिकारी होने के नाते ये पता था कि उनका रिश्ता कभी अंजाम तक नहीं पहुंचेगा। इसकी एक वजह ये थी कि शाही परिवार का कोई सदस्य किसी तलाक ले चुके व्यक्ति से तब तक शादी नहीं कर सकता जब तक उनका पहला पति या पत्नी जिंदा हों।

मजबूरन चार्ल्स ने कैमिला को छोड़ शादी के लिए डायना स्पेंसर को चुना। शुरुआत में चार्ल्स का पूरा परिवार डायना को पसंद करता था। वो उम्र में छोटी थीं, खूबसूरत थीं और उन्हें राजपरिवार के तौर-तरीकों में ढालना आसान था। 1981 में दोनों की शादी हो जाती है। उस समय डायना 20 साल की थी जबकि चार्ल्स 32 साल के थे।

डायना से शादी के कई सालों बाद एक लेटर में चार्ल्स ने लिखा था कि वो शादी की रात रोए थे। उन्हें लगा था कि शाही परिवार और उनके देश के लिए डायना से शादी कर लेना ही सही होगा। हालांकि, वो शादी को ज्यादा समय तक खींच नहीं पाए थे। चार्ल्स के कैमिला से प्यार की जानकारी प्रिंसेस डायना को भी हो गई थी। चार्ल्स से अलग होने के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘हमारी शादी में तीन लोग थे’।
29 मार्च 1983 को अपनी पत्नी डायना के साथ प्रिंस चार्ल्स ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। यहां हजारों लोगों की भारी भीड़ जमा थी। इस भीड़ के लिए आकर्षण का केंद्र राजकुमार चार्ल्स नहीं बल्कि 5 फिट 10 इंच हाईट, सुनहरे बाल और भूरी आंखों वाली राजकुमारी डायना थीं। हर कोई डायना को नजर भर कर देखना चाहता था, उससे हाथ मिलना चाहता था। इसी बीच भीड़ से एक शख्स बोल उठा- प्रिंस चार्ल्स आप कितने खुशनसीब हैं कि आपको डायना जैसी पत्नी मिली है।

इतना सुनते ही प्रिंस चार्ल्स ने गुस्से में जवाब दिया- ‘महिलाओं की यही खासियत है। जैसे ही आप दूसरी तरफ मुड़ते हैं वह पीछे क्या करने लग जाए कहना मुश्किल है।’ इसके बाद डायना और उनके बीच विवाद होता है। प्रिंस चार्ल्स अपनी पत्नी से कहते हैं कि- ‘प्रिंस ऑफ वेल्स के तौर पर यह मेरा टूर था। कॉमनवेल्थ देश में ये दौरा पॉलिटिकली काफी अहम है, लेकिन तुमने इसे खुद के आकर्षण का केंद्र बना दिया।’ कुछ देर बाद फिर से प्रिंस चार्ल्स ने झल्लाते हुए डायना से कहा- लोग मेरी तरफ देख कर हंस रहे हैं, इसकी वजह तुम हो। 1995 में बीबीसी को दिए इंटरव्यू में खुद प्रिंसेस डायना ने भी कहा था कि 1983 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनके पति उनकी लोकप्रियता से जलने लगे थे।
11 दिसंबर 1936 में रानी एलिजाबेथ के पिता जार्ज VI ब्रिटेन के राजगद्दी पर बैठे। ये पद उन्हें अपने बड़े भाई एडवर्ड अष्टम से मिली थी। जब एडवर्ड ने अपने प्यार के लिए राजगद्दी छोड़ दी थी। दरअसल, वो एक अमेरिका की तलाक ले चुकी महिला से प्यार करते थे। राजघराने में राजगद्दी पर बैठने वाले को ऐसा करने का अधिकार नहीं था। इसीलिए उन्होंने अपना पद छोड़ दिया।

अगर उन्होंने ये पद नहीं छोड़ा होता तो आज प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी नहीं हो रही होती। राजघराने की एक परंपरा है कि सबसे बड़ा बच्चा राजगद्दी पर बैठता है। ऐसे में 1952 में अपने पिता के बाद सबसे बड़ी बेटी क्वीन एलिजाबेथ राजगद्दी पर बैठी। अब उनके बाद उनका बड़े बेटे किंग चार्ल्स की ताजपोशी हो रही है।