बुद्ध पूर्णिमा पर छह समझौतों पर प्रधानमंत्री मोदी ने किये हस्ताक्षर भारत नेपाल संबंध सशक्त करने की दिशा में उठा कदम

बुद्ध पूर्णिमा के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेपाल के शहर लुंबिनी में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात से दोनों देशों के बीच हाल के वर्षो में उपजे तनाव को दूर कर संबंध सशक्त करने में मदद मिली है। दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों के हर आयाम पर विस्तार से बात की। पीएम मोदी ने खुद देउबा के साथ अपनी मुलाकात को बहुत ही अच्छी बताया है
बैठक के बाद दोनों नेताओं की मौजूदगी में भारत-नेपाल के बीच छह महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए। पिछले महीने दोनों नेताओं की नई दिल्ली में हुई बैठक में चार समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे और चार परियोजनाओं को लांच करने की घोषणा की गई थी।
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि दोनों देशों की तरफ से शुरू होने वाले खास कार्यक्रमों के अलावा कनेक्टिविटी, अर्थव्यवस्था, कारोबार, ऊर्जा के क्षेत्र में भावी समझौतों और परियोजनाओं पर बात हुई है।
अप्रैल में दोनों प्रधानमंत्रियों ने बिजली सेक्टर में कारोबारी समझौते को अंतिम रूप दिया था, सोमवार की बैठक में इसकी समीक्षा की गई। इस संदर्भ में भारत की सरकारी कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) की तरफ से नेपाल की अरुण पनबिजली प्रोजेक्ट में 4,900 करोड़ रुपये के निवेश की योजना पर समझौता हुआ है
इस परियोजना से बनने वाली बिजली का अधिकांश हिस्सा भारत आयात करेगा। इससे नेपाल को बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, पीएम मोदी और पीएम देउबा के बीच बैठक में मौजूदा सहयोग को और मजबूत करने और सहयोग के लिए नई साझेदारी स्थापित करने पर बात हुई है।
भारी राजनीतिक उठापटक के बाद पिछले साल जुलाई में शेर बहादुर देउबा पुन: नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे। उनके पीएम बनने के बाद से भारत और नेपाल के रिश्तों में ज्यादा सहजता आई है। दूसरी तरफ इस तरह की खबरें आ रही हैं कि चीन की मदद से शुरू होने वाली परियोजनाओं को लेकर नेपाल सतर्क हो गया है।
वर्ष 2017 में चीन की महत्वाकांक्षी बीआरआइ (बार्डर रोड इनीशिएटिव- दूसरे देशों में चीन की मदद से चलाई जाने वाली कनेक्टिविटी परियोजनाओं) को नेपाल में शुरू करने को लेकर समझौता हुआ था। इसके तहत नेपाल को वर्ष 2030 तक एक विकासशील देशों की श्रेणी में रखने का सपना चीन ने दिखाया था, लेकिन अभी तक जमीनी तौर पर बीआरआइ के तहत कोई बड़ी परियोजना शुरू नहीं हो पाई है।
‘प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ आज मुलाकात बेहतरीन रही। हमने भारत और नेपाल के बीच संबंधों के पूरे आयाम पर चर्चा की। प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जो सहयोग में विविधता लाने के साथ ही उसे और गहरा करेंगे।’