189 साल से कब्जे वाली सीट पर मिली हार से ब्रिटेन में दबाव में हैं प्रधानमंत्री जानसन

ब्रिटेन के उप चुनाव में 189 साल से कब्जे वाली सीट पर सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी को मिली पराजय से बोरिस जानसन सरकार पर कामकाज को लेकर दबाव बढ़ गया है। हाल के हफ्तों में ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण काफी तेज हुआ है और कंजरवेटिव पार्टी से जुड़े स्कैंडल सामने आए हैं। उप चुनाव में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की हेलेन मार्गन ने कंजरवेटिव पार्टी के प्रत्याशी को करीब 23 हजार मतों से पराजित किया है।
कंजरवेटिव पार्टी के लिए यह पराजय इसलिए पीड़ादायी है क्योंकि नार्थ श्रोपशायर की इस सीट पर पार्टी का 1832 से लगातार कब्जा था। कंजरवेटिव पार्टी के सांसद के भ्रष्टाचार मामले में फंसने के बाद इस्तीफा देने से यह सीट खाली हुई थी। इससे पहले जून में हुए उप चुनाव में भी कंजरवेटिव पार्टी की हार हुई थी। उस उप चुनाव में चेशम सीट पर लिबरल डेमोक्रेट सराह ग्रीन ने जीत दर्ज कराई थी। वह इलाका कंजरवेटिव पार्टी के प्रभाव वाला माना जाता था।
जानसन को ताजा झटका उनकी पार्टी की आम चुनाव में जीत के दो साल बाद लगा है। इस उप चुनाव का नतीजा तब आया है जब कोविड महामारी को लेकर जानसन के समर्थक और विरोधी उनसे सवाल पूछ रहे हैं। वे महामारी से निपटने में सरकार के प्रयासों को नाकाफी मान रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण का बहुत बुरा हाल है और संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण ब्रिटेन में हालात एक बार फिर खराब हो रहे हैं। यहां पिछले तीन दिनों से लगातार नए मामले बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को भी रिकार्ड 93,045 नए मामले सामने आए हैं। एक दिन पहले यानी गुरुवार को 88,376 केस मिले थे। हालांकि, एक दिन पहले 146 मौतों की तुलना में शुक्रवार को 111 लोगों की मौत हुई। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित 65 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ओमिक्रोन से ब्रिटेन में एक व्यक्ति की मौत हुई है जो इस वैरिएंट से विश्व की भी पहली मौत है।