रामनगरी अयोध्या में 23 अक्तूबर को होने वाले दीपोत्सव की तैयारी जोरों पर है। राम की पैड़ी व अन्य घाटों पर जलने वाले दीए इस बार अधिक समय तक जलेंगे, क्योंकि दीए की साइज बड़ा होने के साथ 40 एमएल तेल डाला जाएगा। दीपोत्सव-2022 में विभिन्न घाटों पर 14 लाख 50 हजार दीए जलाकर विश्व रिकार्ड बनाने की शासन की मंशा है। दीए जलाने के लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी प्रो. अजय प्रताप सिंह टीम के साथ रात-दिन एक करके दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि राम की पैड़ी व अन्य घाटों पर दीपोत्सव में 20 हजार वालेंटियर्स अनुशासित रहकर 16 लाख दीए बिछाएंगे।
उन्होंने बताया कि 20 अक्तूबर तक तक सभी घाटों पर दीए पहुंच जाएंगे। 21 अक्तूबर से दीए बिछाने कार्य शुरू होगा। 22 अक्तूबर को दीयों की गणना होगी और 23 अक्तूबर को दीए में तेल बाती लगाने तथा शाम को जलाया जाएगा। नोडल अधिकारी ने बताया कि राम की पैड़ी पर दीपोत्सव के दो दिन पहले से 20 हजार स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार दीप बेहद खास स्वरूप में तैयार किए गए हैं। यह कापी देर तक जलते रहेंगे। अभी तक दीए में 30 एमएल तेल डाला जाता था, लेकिन इस बार दीयों के साइज को बड़ा किया गया है।
दीपोत्सव में जलाने के लिए दीए के निर्माण का कार्य करने वाले कुम्हारों को रोजगार मिलने पर घर रोशन होंगे। लालबाग की मनीषा ने बताया कि सरकार आस्था के जरिए हमें रोजगार भी देती है जिससे जीवन-यापन करते हैं। कुम्हार आशा देवी ने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए भी काम कर रही है। पहले गांवों में कोई रोजगार नहीं था। अब यहीं हम लोगों को रोजगार मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि दीवाली पर दीप बनाकर अच्छी कमाई हो जाती है। जयत्री देवी ने कहा कि हम लोग मिट्टी का बर्तन बनाते हैं। जब से दीपोत्सव हो रहा है। हम लोगों से दीए खरीदे जाते हें। उन्होंने बताया कि दीए को बेंचकर अच्छी कमाई होती है और दीवाली में हमारे घर के बच्चे खुशी से पर्व मनाते हैं।