कृषि सुधार पर एक कदम पीछे खींचने के बावजूद दूसरे आर्थिक सुधारों को लेकर सरकार ढिलाई नहीं बरतेगी। आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार कम से कम छह ऐसे विधेयक पेश करने जा रही है जो वित्त से लेकर बिजली सेक्टर तक में सुधार की राह तेज करेंगे। इसमें से कुछ विधेयकों को लेकर राजनीतिक विरोध के भी आसार हैं। खासतौर पर बिजली संशोधन विधेयक, 2021 को लेकर राजनीतिक दलों के साथ ही किसान नेता भी धमकी दे रहे हैं।
वैसे सरकार को भरोसा है कि आर्थिक सुधार से जुड़े विधेयकों को दोनो सदनों से पारित करवाने में कोई परेशानी नहीं होगी।शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन विधेयक), 2021 पेश होगा, जो सरकारी बैंकों के निजीकरण की राह आसान करेगा। इसके जरिये सरकार बैंकिंग कंपनी एक्ट, 1970 व 1980 और बैंकिंग नियमन कानून, 1949 में संशोधन किया जाएगा।
यह विधेयक आम बजट, 2021-22 में बैंक निजीकरण को लेकर की गई घोषणा को अमली जामा पहनाने में मदद करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तब दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का एलान किया था। सरकार ने अभी तक सार्वजनिक तौर पर यह नहीं कहा है कि किन दो बैंकों का निजीकरण होगा लेकिन माना जा रहा है कि इसके लिए इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का नाम चुना गया है। विधेयक के माध्यम से इनमें से दो बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया में आने वाली बाधाएं दूर की जाएंगी
आर्थिक सुधार से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण विधेयक बिजली संशोधन कानून, 2021 है। वैसे तो इस विधेयक का प्रारूप दो वर्षों से तैयार है, लेकिन कई वजहों से इसे पेश नहीं किया जा सका है। यह बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को तेज करेगा और ग्राहकों को मोबाइल सेवा प्रदाता की तरह बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी देगा। यह वितरण कंपनियों के लिए नवीन स्त्रोतों से बिजली खरीद को अनिवार्य बनाएगा। इससे पवन व सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार का मानना है कि बिजली कानून, 2003 की तरह ही यह विधेयक भी समूचे बिजली सेक्टर को एक नई दिशा देने में सफल रहेगा। लेकिन इस विधेयक के कुछ प्रस्तावों को लेकर पूर्व में किसान संगठनों काफी विरोध कियाा था। उनका कहना है कि सरकार कृषि क्षेत्र को मिलने वाली बिजली सब्सिडी को खत्म करना चाहती है।आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक अन्य विधेयक पीएफआरडीए (संशोधन) विधेयक, 2021 है। जो देश के पेंशन सेक्टर को मजबूत करने और हर कामगार का भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए को ज्यादा अधिकार सुनिश्चित करेगा। इसी तरह से इंसाल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2021 को भी काफी मत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह मौजूदा दिवालिया कानून (आइबीसी) को ज्यादा सशक्त बनाएगा और दिवालिया प्रक्रिया को तेजी से पूरी करने में बैंकों की मदद करेगा।