लखनऊ में अकबनगर की तरह ही अब अबरारनगर में बने करीब 500 अवैध मकानों को तोड़ने की तैयारी की जा चुकी है। LDA की टीम ने प्लानिंग कर ली है। यहां रहने वालों को तीन दिन में मकान खाली करने का अल्टीमेटम भी दे दिया गया है। LDA का कहना है कि ये मकान भी गोमती नदी एरिया में अवैध बनाए गए हैं।।
वे बात करने के लिए तो तैयार हुए लेकिन कैमरा बंद करने का आग्रह किया। उनकी दलील थी कि हम मीडिया में दिखेंगे तो सबसे पहले हमारे मकान गिराए जाएंगे। अकबरनगर में भी जो लोग ज्यादा मुखर थे, प्रशासन ने पहले उन्हीं के घरों पर बुलडोजर चलाए।
खुर्रमनगर से कुकरैल को जाने वाली सड़क जैसे ही 50 मीटर आगे बढ़ेंगे तो अबरारनगर शुरू हो जाता है। यहां गोमती नदी (जिसको अभी नाला कहा जाता है) की चौड़ाई 40 फीट से भी कम है। इसी के दोनों तरफ निर्माण हुए हैं। नदी से गुजरने वाले नाले की जमीन पर मकान बने हैं।
नाले के बाईं तरफ करीब 1500 मीटर तक 50 मीटर की चौड़ाई में करीब 350 से ज्यादा मकान हैं, जिनका टूटना तय है। जबकि दाईं तरफ भी 1500 मकान बनाए गए हैं। उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। नदी के किनारे कई नए मकान बनाए गए हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
लोगों ने बताया कि कई मकान ऐसे हैं, जिन्हें बनाने में 50 लाख से 3 करोड़ रुपए तक का खर्च हुए हैं। कुछ मकान 40 से 50 साल पुराने हैं। यहां रहने वाली एक महिला सरकार से बेहद नाराज दिखीं। नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने कहा कि सरकार के लोग हमारी तरह गरीब होते तो मकान टूटने का दर्द समझते?
अबरारनगर में हाईकोर्ट के वकील-रिटायर्ड जज भी रहते हैं
स्थानीय निवासी बिलाल बताते हैं कि यहां काफी अच्छे लोग हैं। बहुत से लोगों के पास रजिस्ट्री के कागज हैं। यहां रहने वाले कई लोग ऐसे हैं, जो हाईकोर्ट के वकील और रिटायर्ड जज हैं। इसके अलावा पुलिस और कई PCS अधिकारियों ने भी यहां मकान बना रखा है।
LDA ने दिया 3 दिन का अल्टीमेटम
लोगों ने बताया कि LDA की टीम ने यहां आकर महज 3 दिन में घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। हालांकि, अभी तक किसी को नोटिस भी नहीं मिला है। लोगों को नोटिस का इंतजार है। जिसके बाद कानूनी कार्रवाई पर विचार करेंगे। लोगों का कहना है कि हम चुप नहीं बैठेंगे और हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात करेंगे।
यहां पर भी 3 मस्जिद और एक मदरसा बना है। हालांकि मदरसा मस्जिद के अंदर ही चलता है। उसके अलावा करीब 200 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी जमीन और निर्माण की कीमत जोड़ी जाए तो वह कम से कम 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है। ऐसे में यहां पर लोग आर्थिक तौर पर अकबरनगर से ज्यादा मजबूत लोग है।
LDA की टीम सर्वे करने पहुंच चुकी है
20 जून को यहां LDA की टीम सर्वे करने पहुंची थी। अबरारनगर और पंतनगर में 500 से ज्यादा घरों को गिराए जाने की बात सामने आ रही है। LDA की टीम पहुंची तो लोगों की भारी भीड़ जमा हो थी। भीड़ देख LDA अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।
वहीं बताया जा रहा है कि अधिकारी पूरा इलाका घूम चुके हैं। ऐसे में कौन सा हिस्सा गिरेगा इसकी प्लानिंग हो गई है। उसके अलावा इलाके में ड्रोन शूट भी पहले कराया जा चुका है।
अबरार नगर में करीब 800 से ज्यादा मकान हैं। जिन घरों को गिराया जाना है उनमें 100 से ज्यादा ऐसे मकान हैं, जिसकी लागत और प्रापर्टी की कीमत दो करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। बताया जा रहा है कि यहां भी ज्यादातर मकान कुकरैल की जमीन पर बने हैं। यहां के मकान भी दो से तीन दशक पुराने हैं। यहां मौजूदा समय 5000 हजार रुपए वर्ग फीट से ज्यादा महंगी जमीन है।