प्रयागराज: मा0 राज्यपाल महोदया श्रीमती आनन्दीबेन पटेल गुरूवार को राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित पन्द्रहवें दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करते हुये दीपप्रज्ज्वलन कर दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मा0 राज्यपाल महोदया ने अपने सम्बोधन में कहा कि त्रिवेणी के पवित्र संगम पर विद्यमान विद्या, ज्ञान, कला और अध्यात्म की प्रसिद्ध नगरी प्रयागराज में स्थित उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के पन्द्रहवें दीक्षान्त समारोह में आकर मुझे अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
शिक्षा की महत्ता के बारे में बताते हुए मा0 राज्यपाल महोदया ने कहा कि किसी भी राष्ट्र तथा समाज के लक्ष्यों की प्राप्ति का सबसे महत्वपूर्ण साधन शिक्षा है। उन्होंने कहा कि विकास का पहला आधार शिक्षा है। शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलावा जाया जा सकता है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों का स्वास्थ्य एवं पोषण भी आवश्यक है, इसके लिए परिवार एवं शिक्षकों की भूमिका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं होना चाहिए। अध्यापक गांव में जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों एवं वहां की व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए मा0 राज्यपाल महोदया ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में सामान्यतय गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को विश्वविद्यालयों एवं कालेजों तथा अन्य संस्थाओं के द्वारा गोद लेने के लिए आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे आंगनबाड़ी केन्द्रों में व्यवस्थायें एवं सुविधायें और अच्छी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने के लिए संस्थाओं एवं महाविद्यालयों को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए। मा0 राज्यपाल महोदया ने कहा कि दहेज जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए सभी लोगो को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए तथा दहेज के कारण समाज में होने वाली घटनाओं तथा उसके परिणामों के बारे में लोगो को जागरूक करना चाहिए। मा0 राज्यपाल महोदया ने कहा कि उच्च शिक्षा के 50 प्रतिशत शैक्षिक सूचकांक को प्राप्त करना है तो प्राथमिक शिक्षा का स्तर उठाने के साथ ही साथ नामांकन निपात को भी बढ़ाना होगा। इसके लिए उन्होंने 5 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ने का आह्वाहन किया। मा0 राज्यपाल महोदया ने बच्चो को स्कूल जाने हेतु प्रेरित करने के लिए छोटे स्कूली बच्चों को बैग एवं पुस्तकों का वितरण अपने हाथ से किया।
दीक्षांत समारोह में बोलते हुए मा0 राज्यपाल महोदया ने कहा कि उपाधी प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं कें अंदर समाज सेवा का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें समाज उपयोगी होने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान देना चाहिए। आज के इस दीक्षान्त समारोह के पावन अवसर पर मैं विशेष अध्ययन के लिए पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को अपना आशीर्वाद एवं शुभकामनाएँ देती हूँ।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि श्री मुकुल कानिटकर, अखिल भारतीय संगठन मंत्री, भारतीय शिक्षण मंडल, नागपुर ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह स्नातक के समावर्तन का उत्सव है। भारत की युवा पीढ़ी को हमारी उज्जवल, आध्यात्मिक एवं बौद्धिक परंपरा का स्वाध्याय पूर्वक आत्ममंथन करना चाहिए। हमारे प्राध्यापकों का भी यह परम कर्तव्य है कि वह छात्रों को अपने आचार, विचार और ज्ञान के अवबोध के माध्यम से प्रभावित करें। श्री कानिटकर ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली की बाह्य संरचना एवं आंतरिक प्राणस्वर के रचनात्मक पुनर्निर्धारण का कार्य इस शताब्दी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, जिस के निदान का सूत्रपात राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने किया है।
इससे पूर्व कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं मुख्य अतिथि श्री मुकुल कानिटकर का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय की गत वर्ष की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय अपने कार्यक्रमों की गुणवत्ता एवं समसामयिकता पर दृष्टि रखता है तथा केवल परिसर तक ही सीमित न होकर समाज में जन जन तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि हम अपने सामाजिक दायित्वों को संवेदनात्मक भाव से स्वीकार करते हुए भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जनोपयोगी अभियान एवं दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। केंद्र एवं राज्य की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन की दिशा में प्रथम चरण पूर्ण कर लिया है।
15वें दीक्षान्त समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को 19 स्वर्ण पदक प्रदान किये गए, जिनमें 05 स्वर्ण पदक छात्रों तथा 14 स्वर्णपदक छात्राओं की झोली में आए। दीक्षान्त समारोह में सत्र दिसम्बर 2019 तथा जून 2020 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण लगभग 28659 हजार शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 15492 पुरूष तथा 13167 महिला शिक्षार्थी रहे।
इस अवसर पर सरस्वती परिसर स्थित नवनिर्मित अटल प्रेक्षागृह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक श्रीमती आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल उत्तर प्रदेश ने गोरखपुर क्षेत्रीय केन्द्र के अन्तर्गत आने वाले अध्ययन केन्द्र दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर की छात्रा लक्ष्मी गुप्ता को दिया गया। लक्ष्मी गुप्ता ने बी0एड0 विषय की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा समस्त विद्याशाखाओं की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण समस्त स्नातकध्परास्नातक शिक्षार्थियों में सर्वाधिक 82.07 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सर्वाधिक 3 स्वर्ण पदक प्राप्त किये। लक्ष्मी गुप्ता इस समय उच्च प्राथमिक विद्यालय, टेकुआपाती, सहजनवां, गोरखपुर में सहायक अध्यापक है।
विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक इस बार स्नातकोत्तर वर्ग में विद्याशाखाओं के 05 टापर्स को दिए गए, जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक सिंगासनी देवी महिला महाविद्यालय, नेमा, देवरिया अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम0ए0 (संस्कृत) के छात्र रंजय कुमार सिंह को, समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक किसान मजदूर महाविद्यालय, भीटी, मऊ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम0ए0 (राजनीतिशास्त्र) के छात्र रजत विश्वकर्मा को, प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, श्री रति राम महाविद्यालय, नन्दगांव, मथुरा अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम0काम0 की छात्रा तिवारी स्वाति रमाशंकर को, शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, श्री बाबा साधवराम महाविद्यालय, कोईनहां, बरसरा खालसा, आजमगढ़ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम0ए0 (शिक्षाशास्त्र) की छात्रा नेहा सिंह को तथा विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, श्री रति राम महाविद्यालय, नंदगांव, मथुरा अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम0एस0सी0 (बायोकेमिस्ट्री) के छात्र स्वप्निल चैहान को दिया गया।
इसी प्रकार स्नातक वर्ग में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक इस बार विद्याशाखाओं के 6 टापर्स को दिया गया। जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, सरदार पटेल स्मारक महाविद्यालय, लारपुर रोड, अम्बेडकरनगर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0ए0) की छात्रा विभा यादव को, समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, रामस्वरूप ग्रामोद्योग स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पुखरायां, कानपुर देहात अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0ए0) की छात्रा रिद्धि सिंह को, प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, श्री रति राम महाविद्यालय, नंदगांव, मथुरा अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0काम0) की छात्रा अंजली को, कम्प्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, सर्वोदय कालेज आफ टेक्नोलाजी एण्ड मैनेजमेंट, देवरिया अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0सी0ए0) की छात्रा वीनस चैरसिया को, शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0एड0) की छात्रा लक्ष्मी गुप्ता को तथा विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, श्री बाबा साधवराम महाविद्यालय, कोईनहां, बरसरा खालसा, आजमगढ़ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0एस0सी0) के छात्र अभिनन्दन यादव को प्रदान किया गया।
इस बार आठ मेधावी शिक्षार्थियों को दानदाता स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। जिसमें बाबू ओमप्रकाश गुप्त स्मृति स्वर्ण पदक, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत बी0एड0 की छात्रा लक्ष्मी गुप्ता को, श्री कैलाशपत नेवेटिया स्मृति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केन्द्र, प्रयागराज अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत छात्रा शगुफ्ता खान को, स्व0 अनिल मीना चक्रवर्ती स्मृति स्वर्ण पदक स्नातक वर्ग में रामस्वरूप ग्रामोद्योग स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पुखरायां, कानपुर देहात अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत स्नातक (बी0ए0) की छात्रा रिद्धि सिंह को तथा एम0ए0 समाजकार्य में क्षेत्रीय अध्ययन केन्द्र गोरखपुर से पंजीकृत छात्रा आशा यादव को दिया गया। इसके साथ ही तीन अन्य दानदाता स्वर्ण पदक प्रो0 एम0पी0 दुबे पर्यावरणध्गांधी चिन्तन एवं शान्ति अध्ययन उत्कृष्टता स्वर्ण पदक, मोतीलाल नेहरू डिग्री कालेज, कौंघियारा, प्रयागराज अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत मनीष कुमार मिश्रा तथा प्रो0 एम0पी0 दुबे दिव्यांग मेघा स्वर्णपदक टी0डी0 कालेज, जौनपुर अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत छात्र शाहनवाज सिद्दिकी को तथा महान राष्ट्रकवि श्रद्धेय पं0 सोहन लाल द्विवेदी स्मृति स्वर्णपदक श्री बाबा साधवराम महाविद्यालय, कोईनहां, बरसरा खालसा, आजमगढ़ अध्ययन केन्द्र से पंजीकृत एम0ए0 (हिन्दी) की छात्रा निकिता को दिया गया।
विश्वविद्यालय का 15 वां दीक्षांत समारोह अभूतपूर्व समारोह के रूप में याद किया जाएगा। पहली बार विश्वविद्यालय के अपने प्रेक्षागृह में जनपद के प्राथमिक एवं जूनियर हाईस्कूल के चयनित विद्यार्थियों के समूह को राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सम्मानित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक गण एवं उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थी तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858