महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जरूरतमंद लोगों को लगातार काम देने का कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण को उनकी मांग के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। अकुशल मजदूरों को उनके ही गांव में प्राथमिकता के साथ 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
मनरेगा योजना के अंतर्गत मानव दिवस सृजन के मामले में उत्तर प्रदेश लगातार अग्रणी राज्य की श्रेणी में है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 20 करोड़ ज्यादा मानव दिवस सृजित कर लिये गये हैं। वहीं अगर बीते 3 वर्षों की बात करें तो
वर्ष 2021-22 की तो जहां 2021-22 में 32.56 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये थे, वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31.15 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये और वित्तीय वर्ष 2023- 24 में योजना के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब एक ही वर्ष में निर्धारित लक्ष्य को 3 बार रिवाईज किया गया। इससे पहले वर्ष 2020-21 में 3 बार लक्ष्य बढ़ा था। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पहले 21 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे 3 बार बढ़ाकर पहले 25 करोड़ फिर 30 करोड़ उसके पश्चात 34.50 करोड़ किया गया। जिस लक्ष्य को भी पार करते हुये उत्तर प्रदेश में 34.54 करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किये गये । उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मनरेगा के तहत अधिक से अधिक काम देने के निर्देश से यह संभव हो सका है। मानव दिवस सृजन में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्य है।
गांवों में गरीबों के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रही है। प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 60.17 लाख मांग के सापेक्ष 100 प्रतिशत 60.17 लाख परिवारों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है।प्रदेश में बस्ती जनपद द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,95,717 मांग के सापेक्ष 100 प्रतिशत 1,95,714 श्रमिक परिवारों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जबकि, 79,40,929 मानव दिवस का सृजन किया जा चुके है। बस्ती जनपद मानव दिवस सृजन में प्रदेश में नंबर वन है। आजमगढ़ द्वितीय जौनपुर तीसरे स्थान पर है।
आयुक्त, ग्राम्य विकास जी०एस० प्रियदर्शी ने सम्बन्धित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजित करने पर ज्यादा फोकस हो, ताकि ग्रामीण इलाके में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके। मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से होना चाहिए।मनरेगा के अंतर्गत रोजगार, आवास, पेयजल, महिला सशक्तिकरण, सिंचाई, सड़क, पौधरोपण इत्यादि से संबंधित कई योजनाओं का संचालन हो रहा है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक एक लाख से ज्यादा परिवारों को मनरेगा योजनांतर्गत कार्य उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका को आसान बनाया जा रहा है। इस वर्ष अब तक 1,00,371 ऐसे परिवार हैं ,जिन्होंने 100 दिवस का रोजगार पूर्ण किया है।
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858