वर्तमान समय में स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर, इन्टरनेट की उपयोगिता के दृष्टिगत जहाँ एक ओर इसके सदुपयोग में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर इसका दुरूपयोग भी आपराधिक कृत्यों में हो रहा है। बड़े शहरों के अलावा राज्य के छोटे शहरों, कस्बों एवं ग्रामीण इलाकों में साइबर अपराधों की घटनायें बढ़ रही हैं। साइबर अपराध में संलिप्त अपराधियों,आतंकवादी संगठनों द्वारा की जाने वाली घटनाओं, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, एटीएम/डेबिट कार्ड फ्रॉड, इन्टरनेट बैंकिग फ्रॉड, इलेक्ट्रानिक फण्ड ट्रान्सफर फ्राड, मनी लांड्रिग, ऑन लाइन शॉपिंग फ्राड, तथा कम्प्यूटरीकृत बैंक खातो में हेरा-फेरी कर धन के गबन आदि साइबर अपराधों की रोकथाम करना तथा जॉच/विवेचनाओं का सामयिक निस्तारण करके अपराधियों को दण्डित कराया जाना पुलिस का एक अति महत्वपूर्ण दायित्व है।
थाना स्तर पर विवेचनाधिकारियों की विशेषज्ञ क्षमता विकसित करने एवं उनकी व्यवसायिक दक्षता बढ़ाने तथा आम जनता की साइबर सम्बन्धित समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही करने हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ICCCC ( I4C – Indian Cyber Crime Co-ordination Centre, web address – i4c.mha.gov.in) द्वारा *“CyTrain Portal”* विकसित किया गया है । भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) देश में साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिये भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक पहल है। I4C नागरिकों की साइबर अपराध से सम्बन्धित सभी मुद्दों से निपटने पर ध्यान केन्द्रित करता है, जिसमें विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेन्सियों और हित धारकों के बीच समन्वय में सुधार करना, साइबर अपराध से निपटने के लिये भारत की समग्र क्षमता में बदलाव लाना और नागरिक संतुष्टि के स्तर में सुधार करना शामिल है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र योजना को 05 अक्टूबर, 2018 को मंजूरी दी गयी थी। *CyTrain Portal* राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एन0सी0आर0बी0) द्वारा आयोजित एक आभासी प्रशिक्षण केंद्र है। *CyTrain* का उद्देश्य साइबर अपराध का पता लगाने, उसकी रोकथाम करने तथा रिपोर्टिंग के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करना तथा साइबर लैब्स की स्थापना करना है। CyTrain पर MOOC (मैसिव ओपेन ऑनलाइन पाठ्यक्रम) के द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। पाठ्यक्रमों (कोर्सेस) के सफल समापन के बाद प्रमाण-पत्र के साथ-साथ साइबर अपराध जांच, फोरेन्सिक, अभियोजन आदि के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से पुलिस अधिकारियों/न्यायिक अधिकारियों की क्षमता का निर्माण किया जाता है।
(बेवसाइट- https://cytrain.ncrb.gov.in/) । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में साइबर अपराधों पर प्रभावी कानूनी कार्यवाही करने पर जोर दिया जा रहा है, उसी के क्रम में पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थाना स्थापित करने एवं जनपद के प्रत्येक थानों पर “साइबर सेल” का गठन किये जाने के निर्देश दिये गये है। थाना स्तर पर विशेषज्ञ विवेचको की क्षमता विकसित करने हेतु साइट्रेन प्रशिक्षण के अन्तर्गत जनपद के प्रत्येक थाने पर निरीक्षक-01, उपनिरीक्षक-02, मुख्य आरक्षी/आरक्षी-02 को प्रशिक्षित करना अनिवार्य है। इसके साथ-साथ सभी थाना प्रभारियो को भी *CyTrain का प्रशिक्षण* कराया जाना प्रस्तावित है ताकि निकट भविष्य में थाना स्तर पर स्थापित “साइबर सेल” का सुचारु रुप से संचालन हो सकें। *कमिश्नरेट प्रयागराज मे कुल 236 निरीक्षक/उपनिरीक्षक/आरक्षी/म0आरक्षी को तीन चरणो में* Responder Track, Forensic Track, Investigation Track के Basic Module का ऑनलाइन प्रशिक्षण कराया गया है। उक्त क्रम में अब तक 25 थाना प्रभारी को भी सफलतापूर्वक *CyTrain प्रशिक्षण* कराया गया है। बचे हुये थाना प्रभारियों को भी शीघ्र प्रशिक्षित किया जायेगा । कमिश्नरेट प्रयागराज के प्रत्येक थाने पर “साइबर सेल” के गठन के उपरान्त बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में अपेक्षित सफलता मिलेगी तथा जनपद में क्रियाशील साइबर थाने में साइबर क्राइम का पंजीकरण एवं उनकी विवेचना तथा साइबर अपराधियों पर कार्यवाही आम जनता के लिए अधिक सुविधाजनक होगी तथा कार्यवाही में गतिशीलता भी आयेगी।
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858