उत्तर प्रदेश- प्रधानमंत्री मोदी जी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस मे कुछ दिन पहले आए थे और प्रधानमंत्री मोदी ने काशी मे बहुत कुछ कहा था गाय को लेकर सरकार की योजनाओ को लेकर और उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर उत्तर प्रदेश के लोगों की मुश्किलें, चिंताएं, और उनके परेशानियों को लेकर, उनके भविष्य को लेकर लेकिन एक बात जब प्रधानमंत्री मोदी काशी में थे और कह रहे थे उसी समय हजारों लोग ट्वीटर पर कुछ वीडियो शेयर कर रहे थे ओ वीडियो कुछ दिन पहले हरिद्वार में हुए कथित धर्म संसद जो दर असल अधर्मियों का धर्म संसद था जो दर असल इस देश की आत्मा को चोटहिल करते हैं इस देश के संबिधान की धज्जियां उड़ाते हैं इस देश के नागरिकों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं लेकिन हमारे इस धर्म निरपेक्ष देश के प्रधानमंत्री व इस देश की सरकार उस धर्म संसद के नफरती पुतलो के कारनामो पर चुप बैठी है तो मैं आप लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहा हूँ जो उस दिन अखबार की शुर्खियों मे अखबार के प्रथम पेज पर मोटी हेडिंग में लिखा है जो किसी न किसी माध्यम से पूरे देश के लोगों को पता तो होगा ही जिन बातो को हरिद्वार के हिंदू धर्म संसद में कही गई थी और जिन लोगों ने कहा था वह सभी लोग भगवा चोले मे थे सब भगवा धारी थे कोई खुद को महा मंडलेश्वर तो कोई खुद को धर्म गुरु तो कोई कुछ बता रहा था और सबने धार्मिक चोला पहन कर एक धर्म को टार्गेट कर रहे थे और इस प्रकार इस भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का नारा बुलंद कर रहे थे और मुसलमानों को मारने का एलान कर रहे थे और मर मिटने के एलान के साथ हिंदू धर्म के हीफाजत के लिए ऐसे, ऐसे बयान दे रहे थे जो कि उनके उन बयान के अनुसार उन सबको सलाखों के पीछे भेजने के लिए काफी है लेकिन ओ सब के सब भगवाधारी थे और उनमें से कई उस मंच पर थे और bjp के समर्थक थे और कई तो ऐसे थे जो मंच पर मंचासीन थे वह BJP के सहयोगियों के समर्थक थे और कई ऐसे लोग भी रहे होंगे जो प्रधानमंत्री मोदी से मिलने मिलाने वाले व उनके सहयोगियों मेसे थे और कथित तौर पर ए हिंदू धर्म गुरु थे लेकिन न तो हिंदू धर्म यह सिखाता है और न ही हिंदू धर्म की आत्मा मे ऐसे लोग कहीं भी सरीक हो सकता हैं लेकिन अखबार की सुर्खियों मे कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी जब काशी बनारस में आए थे तो बोले थे तो उनके कहने व करने मे अंतर है जिस तरह हांथी के दाँत खाने के और तथा दिखाने के लिए और है पहली बात करते हैं उस धर्म संसद की कि ऐसे धर्म संसद के आयोजन की अनुमति कैसे मिल गई अगर मिल भी गई तो इस प्रकार के भाषण बाजी करने वाले लोगों के ऊपर अनुच्छेद 25 तथा 28 के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी अभी तक क्यो नहीं हुई आप अगर अखबारों की सुर्खियों में पढ़े होंगे तो देखा होगा कि देश के प्रधानमंत्री कैसे जाति और धर्म के ऊपर उठकर पूरे देश के बिकाश के लिए सबका बिकाश तथा सबके बिश्वास पर भरोसा करते हैं अमर उजाला के पहले पेज की सुर्खियों मे छपा है कि उत्तर प्रदेश को जाति व धर्म के चश्मे से देखने वालों को समझ नहीं आती की सबका साथ सबका विकास ए बाते प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी बनारस में कही उनके शिलेबस मे माफिया वाद परिवारवाद पर कब्जा जाति धर्म के चश्मे से बिकाश नहीं दिखता पहली सबसे बड़ी बात जो प्रधानमंत्री मोदी ने कही की जाति धर्म के चश्मे से देखने वालों को समझ नहीं आती जाति और धर्म की भाषा तो प्रधानमंत्री मोदी से यह सवाल पूछना चाहिए कि कहने मे सुनने में और अखबारों के सुर्खियों में दिखने में यह लाइन बहुत ही सुंदर व अच्छी लगती है लेकिन क्या प्रधानमंत्री मोदी उन अधर्मियों की भाषा उनकी जुबान से निकली हुई बातें जो कि सबके सब भगवा वस्त्र धारण किए हुए थे जो खुद को हिंदू धर्म के पुरोधा और हिंदुत्व के पैरोकार मानते हैं क्या उन्हे समझ में नही आती है या फिर वे सुनते नही है क्या उनके खिलाफ वे कार्यवाही करेंगे या ओ सब सबका साथ सबका विकास परिभाषा के बाहर हैं क्योकि सबका साथ सबका विकास का मतलब देश के 130 करोड़ लोगों का सांथ और प्रधानमंत्री मोदी बार बार अपने भाषणों में 130 करोड़ लोगों का जिक्र करते हैं 2013 से क्या 130 करोड़ मुसलमान सामिल नहीं है जिनकी आवादी इस देश में लगभग 18 से 20 प्रतिशत तक है क्या वे इस देश के नागरिक नही है क्या उन्हे यँहा इस देश की नागरिकता प्राप्त नही है इस देश का कोई भी हिंदू धर्म का पैरोकार या भगवाधारी इस प्रकार का हिंदू धर्म संसद बुलाये और मुसलमानों के कत्ले आम की बात करे एक धर्म को टार्गेट करते हुए अपने आप के तरीके को सरे आम करे कि हम उनका इलाज करेंगे क्या प्रधानमंत्री मोदी को यह सब कुछ दिखता नहीं या यह सब कुछ जानकार भी सत्ता से जुड़े लोगों को छूट देते हैं तो सबका साथ सबका विकास झूठ का एक पुलिन्दा है और सब दिखावा है और पाखण्ड है इसके अलावा कुछ भी नही है जब वे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के लोगों को जाति और धर्म के नाम पर देखने वालों को यह समझ में नही आती जिक्र है उत्तर प्रदेश का क्योकि उत्तर प्रदेश में चुनाव है संसद उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ प्रधानमंत्री मोदी का कहना है जाति धर्म के चश्मे से बिकाश नही दिखता तो बात तो सबके सांथ और सबके बिकाश की है उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश bjp शाषित राज्य है और उत्तराखंड के जो मुख्यमंत्री हैं उनके साथ उनमें से एक दो धर्म गुरूओ की तस्बीरे है जो मंच पर इस तरह से मरने मारने की बात कर रहे थे प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में जिक्र क्या है गाय और गाय का जिक्र क्यो होता है इसका मतलब आप समझ सकते हैं गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह है मगर हमारे लिए मा है चुनाव के वक्त गाय को लेकर भावनात्मक बाते कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है मगर हमारे लिए पूज्यनीय है गाय गुनाह नही पूज्यनीय है इंसानो का भी जिक्र करो प्रधानमंत्री जी आप जिस वक्त भाषण दे रहे थे उस वक्त उस समय भी सैकड़ो लोग उस वीडियो को टैग कर रहे थे अगर आप बनारस मे नही तो दिल्ली जाकर आप बोलते की यह गलत है क्योकि देश की पहचान और भारतीय संबिधान इस तरह का इजाजत नही देता की इस तरह के धर्म संसद बुलाकर किसी भी एक धर्म को टार्गेट करे अनेको प्रकार की बाते कह कर जलील करे उनके सफाये जैसी बात करे,
जबकि संबिधान के अनुसार भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है संबिधान के अनुच्छेद 25 और 28 के अनुसार सभी धर्मो के प्रति निष्पक्ष भाव रखना तथा राज्य न तो किसी धर्म की स्थापना करेगा और न किसी धर्म को सहायता देगा किंतु यंहा इस देश में खुले आम मंच से संबिधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है और न्यायालय भी मौन है l
द दस्तक 24
प्रभारी पत्रकार तहसील कोरांव प्रयागराज उमाशंकर कुशवाहा 7571974858