प्रतापगढ़: निष्पक्ष मीडिया फाउंडेशन पत्रकारों के हितों की लड़ाई के लिए देश में सक्रिय है . संगठन ने पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग की .
मालूम हो की बीते शुक्रवार की रात बलरामपुर (यूपी) जिले के थाना कोतवाली के अंतर्गत कलवारी गांव में पत्रकार राकेश सिंह और पिंटू साहू को सोते समय जिंदा जलाने का मामला सुर्ख़ियों में आया. उनका घर भी तहस नहस कर दिया गया. पिंटू साहू की सिर्फ़ अस्थियाँ ही मिली जबकि राकेश सिंह अगले दिन गंभीर रूप से जल जाने के कारण काल के गाल में समा गए. दोनों पत्रकार स्थानीय माफियाओं और दबंगों के खिलाफ भंडाफोड़ अभियान में लगे थे, जिसका परिणाम इस रूप में सामने आया.
निष्पक्ष मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष ने सरकार के सिस्टम पर सवाल किया है क्या यही नियति हो गयी है सच्चे और ईमानदार पत्रकार की. हाल ही में उन्नाव, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर आदि कई जिलों में पत्रकारों की हत्याओं और उत्पीड़न की घटना सामने आयी हैं, किंतु प्रशासन की ढिलाई और हीला हवाली मे रंच मात्र भी फर्क नहीं पड़ा. क्या मर जाना ही पत्रकार की नियति हो गयी है या प्राण रक्षा के भय से बिक जाना. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार और अर्नव गोस्वामी के विवाद में ये पता चल गया कि पत्रकार को कुचलना कितना आसान है. अर्नव गोस्वामी चैनल मालिक थे और ताकतवर थे, सुप्रीम कोर्ट के दखल से बच गए, लेकिन हर पत्रकार ऐसा नहीं होता है. लोकतंत्र का ये चौथा स्तंभ देश आज अत्याचारी और पापियों के प्रहार से छिन्न भिन्न हो रहा है और अगर ये विखंडित हो गया तो देश के लोकतंत्र की इमारत धरातल पर आ जाएगी. पत्रकार एक निरीह और आर्थिक रूप से गरीब प्राणी होता है, उस पर लक्ष्मी की नहीं सरस्वती की कृपा होती है, कलम ही उसका हथियार होता है, सच्चाई और ईमानदारी ही उसका बल होता है ऐसे में अगर पत्रकारों की निर्मम हत्या होती रही, और सरकारें, प्रशासन और जनता चुप बैठी रही तो वो दिन दूर नहीं की देश में लोकतंत्र की हत्या भी सरेआम होगी. निष्पक्ष मीडिया फ़ाउंडेशन पत्रकारों की इस हत्या की कड़ी निंदा और भर्त्सना करता है, प्रशासन को धिक्कार भेजता है और माननीय योगी जी से अपील करता है कि शहीद पत्रकार साथियों भाई राकेश सिंह और पिंटू साहू के परिवारों को एक एक करोड़ का मुआवजा और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही दोषियों के खिलाफ़ तत्काल कार्यवाही कर मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर सभी दोषियों को एक माह के भीतर फांसी दी जाए. पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून सबका लागू किया जाए ताकि कलम के सिपाहियों का हौसला और मनोबल बढ़ सके. निष्पक्ष मीडिया फ़ाउंडेशन आम जनता से भी अपील करता है कि भाई राकेश सिंह और पिंटू साहू की शहादत व्यर्थ ना जाने पाए.