भले ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तीखी जंग चल रही हो, लेकिन एक जुबानी लड़ाई ‘चाणक्य बनाम चाणक्य’ में भी जारी है. चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जवाब दिया. प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया कि जोर का झटका धीरे से ही लगना चाहिए. जेडीयू नेता और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ”8 फरवरी को दिल्ली में ईवीएम का बटन तो प्यार से ही दबेगा.
जोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द खतरे में ना पड़े. साथ ही उन्होंने चार मुद्दों को भी ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने जस्टिस, लिबर्टी, एक्वेलिटी एंड फ्रैटर्टी को लिखा. दरअसल, दिल्ली के बाबरपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को जनसभा की. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे. अमित शाह बोले कि सीएए का विरोध करने वाले नेताओं ने दिल्ली में दंगे करवाए और लोगों को गुमराह करने का काम किया. नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. महिलाएं केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोले हुए हैं और सीएए को वापस लेने की मांग कर रही है.
अमित शाह ने दिल्ली में अपनी कई रैलियों में शाहीन बाग का मसला उठाया है, साथ ही विपक्ष पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी अपने एक ट्वीट में शाहीन बाग को मिनी पाकिस्तान बताया था, जिसपर चुनाव आयोग ने एक्शन लिया था. पीके और अमित शाह के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है. इससे पहले प्रशांत किशोर ने अमित शाह को चैलेंज दिया था कि वो देश में सीएए, एनआरसी को अपनी क्रोनोलॉजी के अनुसार लागू करने का चैलेंज दिया गया था. अमित शाह ने जब बयान दिया था कि कोई कितना भी विरोध कर ले, लेकिन सरकार इस कानून पर पीछे नहीं हटेगी.