हसीना मान जाएगी, जंजीर, मुकद्दर का सिकंदर, नमक हलाल जैसी बेहतरीन फिल्मों को प्रकाश मेहरा ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। आज उन्हीं महान डायरेक्टर प्रकाश मेहरा की 84वीं बर्थ एनिवर्सरी है। ये वो थे जिनकी फिल्म जंजीर ने अमिताभ बच्चन के ऊपर से फ्लॉप हीरो का टैग हटा दिया था।
प्रोफेशनल लाइफ से जैसे ही उनकी पर्सनल लाइफ भी उथल-पुथल से भरी रही। बचपन मां-बाप के बिना गुजरा। नाना ने ही परवरिश की। म्यूजिक कंपोजर बनने की चाहत में उन्होंने कम उम्र में ही नाना के 13 रुपए चुराकर मुंबई भाग गए। जब काम नहीं मिला तो उन्होंने सैलून में गुजारे के लिए नौकरी की।
प्रकाश मेहरा का जन्म 13 जुलाई 1939 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुआ था। जन्म के तुरंत बाद ही उनकी मां का निधन हो गया था। पिता ने भी संन्यास लेकर उन्हें नाना के पास अकेला छोड़ दिया। मां-बाप के बिना ही उनका पूरा बचपन बीता। एक नाना ही थे, जिन्होंने उनकी पूरी जिम्मेदारी निभाई। यही वजह है कि बचपन के अकेलेपन को उन्होंने फिल्मों के जरिए लोगों को दिखाई है।
बचपन से उन्हें रेडियो पर गाने सुनने का शौक था। कम उम्र में उन्होंने गाने लिखना भी शुरू कर दिया था। गाने का शौक ऐसा था कि उन्होंने मन बना लिया कि वो मुंबई जाकर फिल्म इंडस्ट्री में म्यूजिक कंपोजर बनेंगे।
एक दिन मौका पाते ही वो नाना के तिजोरी से 13 रुपए चुराकर मुंबई भाग गए। कम उम्र में भला उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में कौन काम देता। थक हारकर जब काम नहीं मिला तो उन्होंने एक सैलून में काम करना शुरू कर दिया। सैलून का मालिक भी बिजनौर का रहने वाला था, तो उसने काम भी दे दिया। नाना के डर से उन्होंने घर वापस जाने का फैसला नहीं बनाया।
कुछ दिनों तक प्रकाश मेहरा ने सैलून में नौकरी की लेकिन उनका ध्यान गानों में ही लगा रहता था। इसी दौरान नाना उन्हें वापस घर ले जाने के लिए मुंबई आ गए। काफी मनाने के बाद प्रकाश मेहरा अपने नाना के साथ घर वापस चले गए। कुछ दिनों तक वो वहां रहे लेकिन फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें फिर वापस बुला लिया।
मुंबई वापस आने के बाद प्रकाश ने कई बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउस में बतौर लिरिक्स राइटर काम मांगने के लिए चक्कर लगाए। रोज सुबह उठकर वो काम की तलाश में निकल जाते लेकिन घर वापस सिर्फ निराशा लेकर ही लौटते। हालांकि उनका ये संघर्ष जल्द ही खत्म हो गया।
उन्हें एक प्रोडक्शन हाउस में कैमरा हैंडल करने का काम मिल गया। धीरे-धीरे ये काम करने के साथ उनका रुझान फिल्म मेकिंग की तरफ हो गया। 1950 में उनका प्रमोशन हो गया और वो प्रोडक्शन कंट्रोलर बन गए।
इसी दौरान बक्शी प्रोडक्शन कंपनी ने उन पर भरोसा किया और उन्हें फिल्म हसीना मान जाएगी डायरेक्ट करने का मौका दिया। ये प्रकाश मेहरा की जिंदगी की पहली फिल्म थी जिसे उन्होंने डायरेक्ट किया था। रिलीज के बाद इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की। इस फिल्म में शशि कपूर और बबीता लीड रोल में थीं।
फिल्म हसीना मान जाएगी की सफलता के बाद प्रकाश मेहरा का फिल्म इंडस्ट्री में कद ऊंचा हो गया। कई नामी डायरेक्टर-प्रोड्यूसर समेत बड़ी प्रोडक्शन कंपनियां उन्हें नोटिस करने लगीं। डायरेक्शन में आने के बाद उन्होंने गाने लिखना बंद नहीं किया। उनकी डायरेक्शन में बनी फिल्मों में उनके लिखे हुए गाने भी सुनने को मिलते थे।
कई फिल्मों में डायरेक्शन करने के बाद प्रकाश मेहरा ने फैसला किया कि वो डायरेक्शन के साथ फिल्म प्रोडक्शन काम भी काम करेंगे। इसी के साथ उन्होंने फिल्म जंजीर बनाने की ठानी। इस फिल्म के बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है।
दरअसल, शुरुआत में इसके फिल्म के लिए प्रकाश मेहरा ने एक्टर राजकुमार और देव आनंद को अप्रोच किया था, लेकिन दोनों ने कुछ वजहों से इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया।
फिर प्रकाश मेहरा ये फिल्म लेकर प्राण साहब के पास गए। उन्होंने फिल्म की कहानी सुनने के बाद प्रकाश मेहरा से कहा- आप फिल्म बॉम्बे टू गोवा देखिए। इसे देखने के बाद आपको फिल्म का हीरो मिल जाएगा।
प्राण साहब की बात मानकर उन्होंने पूरी फिल्म देखी। एक सीन में उन्हें अमिताभ बच्चन की एक्टिंग इतनी जबरदस्त लगी कि उन्होंने बिग बी को फिल्म में हीरो बनाने का फैसला किया। उन्होंने बिग बी से मुलाकात की और फिल्म के हीरो के लिए उन्हें कन्फर्म कर दिया।
जब ये बात इंडस्ट्री में फैली तो लोगों ने प्रकाश मेहरा को बहुत ताने दिए। तानों की वजह थे अमिताभ बच्चन। दरअसल, उस वक्त बिग बी पर फ्लॉप हीरो का टैग था। उनकी पिछली सभी फिल्में फ्लॉप रही थीं। कोई भी डायरेक्टर उनके साथ काम करने से डरता था।
हालांकि प्रकाश मेहरा ने उनके साथ ये रिस्क लिया। फिल्म जंजीर को बनाने के लिए उन्होंने अपनी बीवी के गहने तक गिरवी रख दिए थे। इसके लिए एक दोस्त ने भी उनकी 25 रुपए देकर मदद की थी।
लोगों की तानों की बिना परवाह किए उन्होंने फिल्म की शूटिंग शुरू की। जब ये फिल्म रिलीज हुई तो उसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नए-नए रिकॉर्ड बना लिए। इसी फिल्म की सफलता के बाद बिग बी से फ्लॉप हीरो का टैग भी हट गया।
प्रकाश मेहरा काम के दौरान बहुत सख्त रहते थे। सेट पर हुई कोई भी बेइज्जती वो बर्दाश्त नहीं करते थे। फिल्म लावारिस में अमिताभ बच्चन और जीनत अमान की जोड़ी दर्शकों को बहुत पसंद आई थी लेकिन जीनत से पहले इस फिल्म में परवीन बाॅबी को कास्ट किया था। प्रकाश मेहरा ने परवीन को बिग बी के कहने पर उन्हें फिल्म में जगह दी थी। परवीन के साथ उन्होंने शूटिंग का एक शेड्यूल भी पूरा कर लिया था।
एक दिन सेट पर परवीन ने किसी के साथ बदतमीजी कर दी, जो बात प्रकाश मेहरा को बिल्कुल पसंद नहीं आई। इसके बाद उन्होंने परवीन को फिल्म से निकाल दिया और जीनत अमान को फिल्म में कास्ट कर लिया।
फिल्म लावारिस से जुड़ा एक दूसरा किस्सा भी है। फिल्म में राखी गुलजार ने अमिताभ बच्चन की मां को रोल निभाया था। शूटिंग के शुरुआत में एक दिन राखी शूटिंग पर पहुंची ही नहीं। बमुश्किल अमजद खान फिल्म में काम करने के लिए तैयार हुए थे। राखी के ना पहुंचने पर शूटिंग में देरी हो रही थी। इस वजह से प्रकाश मेहरा बहुत बौखला गए और उन्होंने एक क्रू मेंबर से कहा कि वो राखी हो फोन लगाएं और अगर आज वो फोन नहीं उठाएंगी तो उन्हें फिल्म से वो निकाल देंगे।
राखी की किस्मत अच्छी थी कि जब उन्हें फोन किया गया तो कॉल उन्होंने ही उठाया और वादा किया है कल से वो टाइम पर शूटिंग के लिए सेट पर आ जाएंगी। अगर वो फोन ना उठातीं तो शायद आज वो इस फिल्म का हिस्सा ना होतीं।
फिल्म जंजीर की सफलता के बाद प्रकाश मेहरा ने हेराफेरी, खून पसीना, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, नमक हलाल और शराबी बनाई। उनकी इन सभी फिल्मों में बिग बी ही हीरो के तौर पर नजर आएं। 1989 में रिलीज हुई फिल्म जादूगर में भी प्रकाश मेहरा के साथ बिग बी ने काम किया लेकिन ये प्रकाश मेहरा के डायरेक्शन में बनी आखिरी फिल्म थी, जिसमें उन्होंने काम किया था।
दरअसल, फिल्म जादूगर बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कमाल नहीं कर पाई थी। प्रकाश मेहरा का मानना था कि फिल्म बिग बी की वजह से फ्लॉप हुई है। इस फिल्म के बारे में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि जादूगर की कहानी बाकी फिल्मों से हटकर थी और काफी यूनीक थी। बिग बी को फिल्म में थोड़ी अलग तरह से एक्टिंग करनी थी। फिल्म में उन्होंने अपना स्टाइल नहीं चेंज किया और बाकी पिछली फिल्मों की तरह ही उन्होंने फिल्म में एक्ट किया जिस वजह से फिल्म में दर्शकों को कुछ नया नहीं देखने को मिला और वो फ्लॉप हो गई।
प्रकाश मेहरा बाॅलीवुड के पहले प्रोड्यूसर थे जिन्होंने हाॅलीवुड में कदम रखा था। 80 के दशक में उन्होंने राइटर फ्रैंक यांडोलिनो के साथ फिल्म द गॉड कनेक्शन बनाने की प्लानिंग की थी। फिल्म में उन्होंने हाॅलीवुड एक्टर चार्ल्स ब्रोंसन को कास्ट किया था लेकिन ये फिल्म कभी बन ना सकी। 17 मई 2009 को 69 साल की उम्र निमोनिया और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर की वजह से प्रकाश मेहरा की मौत हो गई