विद्रोही पत्रकार डॉ. माकणीकर का मरणोपरांत देहदान।

मुंबई दि (प्रतिनिधि) संविधान प्रचार प्रसारक समाजभूषण डाॅ. राजन माकणीकर ने 25 साल की उम्र में मरणोपरांत शरीर दान की घोषणा की और आज 43 साल की उम्र में आधिकारिक तौर पर अपना नाम दर्ज कराया।

डॉ. माकणीकर ने मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (HOTA) 1994 कानून के तहत अंग दान के लिए आवेदन किया है।
उन्होंने मृत शरीर से आंखें, फेफड़े, मूत्राशय, कॉर्निया, त्वचा कोशिकाएं आदि अंग दान करने का संकल्प लिया है और यह संकल्प भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग को दिया है।

डॉ. माकणीकर एक निडर अंबेडकरी कट्टर कार्यकर्ता के रूप मे जाणे जाते हैं. उनके पिता दिवंगत रिपब्लिकन नेता पैंथर ईश्वर कांबले साहब के याद मे के. ईश्वर फाउंडेशन नामक एक एनजीओ की स्थापना करके, वे गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हैं, प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा के लिए कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को गोद लेते हैं और शिक्षित करते हैं। वे बहुत कम दरों और मध्यम छूट पर विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और संविधान साक्षरता अभियान भी चलाते हैं।