सपा कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर, ‘गर्व से कहो, हम शूद्र हैं’

यूपी में रामचरितमानस को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर मंगलवार को एक पोस्टर लगाया गया। इसमें लिखा था, ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’। इसे अखिल भारतीय कुर्मी क्षेत्रीय महासभा की ओर से लगाया गया है। पोस्टर पर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव ने अपने नाम के आगे डॉ. शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल लिखवाया है।
पोस्टर को लेकर भास्कर ने सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन से बात की। उन्होंने कहा, “जब धर्मग्रंथों में लिखा है कि चार प्रमुख वर्ग है, पहला क्षत्रिय, दूसरा ब्राह्मण, तीसरा वैश्य और चतुर्थ शुद्र…तो इसमें शूद्र होने पर गर्व करने में कौन सी दिक्कत है। हालांकि, पोस्टर किसने और क्यों लगाया? इस सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया
दरअसल, सोमवार को अखिलेश ने कहा था कि मैं सीएम योगी से पूछना चाहूंगा कि मैं शूद्र हूं या नहीं। उधर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश के इस बयान पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था, “अखिलेश इस तरह से दलितों की सहानुभूति लेना चाहते हैं।”
सपा के लखनऊ कार्यालय के बाहर जो पोस्टर लगा है। उसमें डॉक्टर उत्तम प्रकाश सिंह पटेल के नाम के आगे ‘शूद्र’ लिखा हुआ है। महाराष्ट्र के रहने वाले डॉ. शूद्र उत्तम प्रकाश सिंह पटेल के पोस्टर के सबसे ऊपर दोनों कोनों पर जय शुद्र समाज लिखा है। इसके बाद 6743 जातियां बनाम शुद्र समाज का आंकड़ा लिखा है। फिर ‘गर्व से कहो हम शुद्र हैं’ का स्लोगन बड़े अक्षरों में लिखा है
वहीं, मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य का बचाव करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि वह सीएम योगी से विधानसभा में इस महाकाव्य की एक चौपाई में इस्तेमाल किए गए ‘ताड़ना’ शब्द की व्याख्या पूछेंगे।
अखिलेश ने कहा, हमारे सीएम एक संस्थान से निकले हैं और वह योगी हैं। मैं उनसे पूछूंगा कि रामचरितमानस में जिन पंक्तियों का जिक्र इस वक्त चल रहा है उनमें ताड़ना शब्द का इस्तेमाल किन लोगों के लिए किया गया है। वह किन लोगों पर लागू होता है।
उन्होंने कहा, ये हमारा और आपका सवाल नहीं है, ये धार्मिक लोगों का सवाल है। उसका अपना एक इतिहास रहा है। हम तो भगवान विष्णु के सभी अवतारों को मानते हैं। जिस पर हमें आपत्ति है। उस पर हम सदन में पूछेंगे। जिस शब्द को लेकर बवाल मचा है, उसके बारे में कोई क्यों नहीं बोल रहा है।
अखिलेश यादव का बयान सामने आने के बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- वह अपने मकसद में कभी सफल नहीं होंगे
रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने ट्वीट कर लिखा है कि अखिलेश यादव की चुप्पी ये साबित करती है कि वो सिर्फ नाम के हिन्दू हैं। वो श्रीराम और हिन्दू धर्म के विरोधी हैं।
हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण का अपमान करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव द्वारा महासचिव बनाए जाने से संत-महात्माओं में खासी नाराजगी है। इसी के चलते प्रयागराज के माघ मेले में संतों ने मठ-मंदिरों से सपा नेताओं को बहिष्कृत करने का ऐलान किया है। इसको लेकर व्यापक अभियान भी चलाने का निर्णय लिया गया।
यूपी में रामचरितमानस को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। लखनऊ में रविवार को रामचरितमानस की कुछ प्रतियों को जलाकर विरोध किया गया। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। महासभा ने पहले से ही विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। इस मामले में स्वामी प्रसाद समेत 10 के खिलाफ एफआईआर हुई है।