कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर मंगलवार को भी लगातार बारहवें दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस क्रम में आज किसान यूनियनों ने देशभर में भारत बंद का आवाह्न किया है और कल यानि बुधवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता होगी। इस बंद को सभी विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा, ‘कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इन कृषि कानूनों का उल्लेख किया । इन कानूनों की वापसी की मांग करने वाला विपक्ष ढोंगी है। अपनी सत्ता के दौरान उन्होंने कंट्रैक्ट कृषि कानूनों को पारित किया था, इस तरह की पेशकश कभी नहीं की।’ उन्होंने आगे कहा, ‘किसानों ने लागत के अतिरिक्त लाभ की मांग की थी और हम उन्हें पहले ही लागत से 50 फीसद अधिक दे रहे हैं।’
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘हर चीज परलोगों को गुमराह करना, देश की छवि को खराब करने की साजिश करना विपक्षी दलों का पुराना तरीका रहा है। अपने शासन काल में कांग्रेस, NCP, अकाली दल, लेफ्ट पार्टियां इस तरह के विधेयकों का सीना ठोक कर समर्थन करती रही हैं।’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश में जारी किसान आंदोलन पर विदेशों के दखलंदाजी पर सवाल उठाया और कहा, ‘जिस तरह से इंग्लैंड के सांसदों, कनाडा के प्रधानमंत्री ने आतंरिक हस्तक्षेप किया, इस पर विपक्ष की ज़ुबान क्यों बंद है?’
शिवसेना पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा, ‘दिमाग की बात छोड़ दीजिए, अगर सरकार के पास दिल है तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री खुद जाकर उनसे (किसानों) बात करेंगे और उनको समझाएंगे।’ कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘सरकार को समझ लेना चाहिए कि उन्हें इन कानूनों को वापस लेना ही होगा।’
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ