आज महान गेंदबाज मैल्कम मार्शल का जन्मदिन है.
80 के दशक की चौकड़ी का हिस्सा रहे मार्शल की हाईट वेस्टइंडीज के बाकी तेज गेंदबाजों जैसे- जोएल गॉर्नर, कर्टली एंब्रोज और कर्टनी वाल्श की तरह 6 फीट या 7 फीट की नहीं थी. वो बस 5 फुट और 11 इंच के गेंदबाज थे. यानी सिर्फ 180 मीटर थी उनकी हाईट. लेकिन, उनकी गेंदबाजी से होने वाले असर ने उनके कद को कभी नीचा नहीं रखा. इंटनेशनल पिच पर मैल्कम मार्शल ने 533 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया. इनमें 376 शिकार उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में किए जबकि 157 शिकार वनडे में. आज भी 200 या उससे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों के बीच मार्शल का 20.94 वाला बॉलिंग औसत सबसे बेहतर है.
पुलिसवाले के बेटे ने बल्लेबाजों को डराकर रखा!
आधुनिक टेस्ट क्रिकेट के संपूर्ण गेंदबाज माने गए मैल्कम मार्शल का जन्म 18 अप्रैल 1958 को बारबाडोस के एक पुलिसवाले के घर हुआ. जी हां, उनके पिता डेंज़िल डिकॉस्टर खुद भी एक कमाल के क्रिकेटर थे. पुलिस की नौकरी थी. लेकिन, मार्शल इतने खुशकिस्मत कहां कि उन्हें पिता का प्यार नसीब होता. जन्म के एक साल बाद ही सड़क दुर्घटना ने मार्शल के पिता को उनसे छिन लिया. पिता के गुजरने के बाद क्रिकेट की पहली परिभाषा मैल्कम मार्शल को उनके दादा ने सिखाया.
1 फर्स्ट क्लास मैच से सीधे इंटरनेशनल क्रिकेट
इंटरनेशनल क्रिकेट में मैल्कम मार्शल की एंट्री सिर्फ एक फर्स्ट क्लास मैच में किए उनके प्रदर्शन का इनाम थी. ये मैच जमैका के खिलाफ था, जिसमें मार्शल ने 77 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे. हालांकि, इसके अलावा एक और वजह उनके वेस्टइंडीज टीम में चुने जाने की. ये वजह थी वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट. दरअसल, कई सारे सीनियर कैरेबियाई क्रिकेटर 1978-79 के भारत दौरे के लिए खुद को उपलब्ध न बताकर, जब वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट में खेलने चले गए, तो सिलेक्टर्स के पास मार्शल को चुनने का बहाना मिल गया.
वेस्टइंडीज टीम में चयन के बाद पूछा- किधर है इंडिया?
मैल्कम मार्शल का जब वेस्टइंडीज टीम में सिलेक्शन हुआ तब वो बैंक्स ब्रिउरी के स्टोररूम में काम कर रहे थे. उन्होंने टीम में अपने चयन की खबर रेडियो पर सुनी थी. अपने चयन से वो खुश तो बहुत हुए थे लेकिन साथ ही मन में एक सवाल भी था, जिसका खुलासा उन्होंने बाद में किया था. उनके मुताबिक जब वो चुने गए थे तब उन्हें इंडिया का न तो अता था, न पता. उन्हें मालूम न था कि दुनिया के नक्शे पर इंडिया है किधर.
भारत दौरे के बाद दुनिया को चला मार्शल का पता
बहरहाल जब उन्होंने भारत दौरे पर सीरीज के दूसरे मैच से अपना टेस्ट डेब्यू किया और फिर उसके बाद जब सीरीज का अंत किया तो इंडिया का पता नहीं जानने वाले मार्शल का पता पूरी दुनिया को चल गया. 15 दिसंबर 1978 को बैंगलोर में शुरू हुए टेस्ट से डेब्यू करने वाले मैल्कम मार्शल ने सीरीज का अंत 37 विकेट के साथ किया. ये विकेट उन्होंने 3 टेस्ट खेलकर लिए थे. मार्शल के इस प्रदर्शन को देख उसी साल इंग्लैंड की काउंटी टीम हैम्पशायर ने भी उनसे करार का प्रस्ताव रख दिया.
ब्रायन लारा का फूला दिया दम!
ब्रायन लारा, 90 के दशक के बेजोड़ बल्लेबाज और मार्शल के हमवतन, ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके साथ हुए अपने पहले एनकाउंटर को याद किया. लारा ने बताया पहली बार मैंने उनकी गेंदों का सामना 1988 में किया. मैं त्रिनिदाद एंड टोबैगो से था और वो बारबाडोस से. उस मैच में पहली गेंद मैंने मार्शल की फेस की थी, जो बताने को काफी थी वो किस स्तर के गेंदबाज हैं. उस गेंद का सामना कर मैं सहम गया था. मेरे हार्ट बीट बढ़ गए थे. मार्शल ने पहली ही गेंद पर मेरा विकेट ले लिया था. इसके बाद मैं पवेलियन जाने लगा तो उन्होंने मुझे रोका. मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा “टफ लक”.
मार्शल की जिंदगी लंबी नहीं बड़ी
हिंदी फिल्म आनंद का एक बड़ा ही फेमस डायलॉग है- जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए. मार्शल की लाइफ पर ये लाइनें बिल्कुल परफेक्ट बैठती हैं. काश कि वो आज हमारे बीच होते. काश कि वो कैंसर को भी वैसे ही हरा पाते जैसे 22 गज के एरिया में बल्लेबाजों की बोलती बंद किए रखते थे. अगर होते तो आज पूरे 63 साल के होते.