झांसी एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को शनिवार को प्रयागराज में दफनाया जाएगा। पुलिस सुरक्षा में उनके रिश्तेदार दोनों के शव लेकर झांसी से प्रयागराज ले जाया जा रहा है। इससे पहले झांसी में शुक्रवार को करीब पूरे दिन शवों को लेने के लिए परिजन आएंगे या नहीं.. इस पर असमंजस बना रहा था। पुलिस प्रशासन ने झांसी के जीवनशाह कब्रिस्तान में कब्र भी खुदवा ली थी। अगर परिजन नहीं आते तो दोनों को यहीं दफनाया जाना था। दोनों का झांसी में पोस्टमार्टम हुआ था।माफिया अतीक अहमद ने शुक्रवार को बेटे असद के जनाने में शामिल होने के लिए रिमांड मजिस्ट्रेट से अपील की थी, लेकिन छुट्टी होने की वजह से कोर्ट ने इनकार कर दिया। अब शनिवार को CJM कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी।
यूपी पुलिस ने असद और गुलाम के शवों को उनके परिजनों को झांसी में सौंपने से इनकार कर दिया था। कहा था कि अगर वे उन्हें प्रयागराज ले जाते तो पुलिस कस्टडी में पहुंचा जाएगा। शुक्रवार शाम को जब दोनों के रिश्तेदारों ने बॉडी क्लेम की तो पुलिस ने अपनी सुरक्षा में ले जाने का फैसला किया। पुलिस का काफिला झांसी शुक्रवार देर रात 1:30 बजे प्रयागराज के लिए निकला। पुलिस काफिले में दो इंस्पेक्टर समेत 20 पुलिसकर्मी हैं।
झांसी के मेडिकल कॉलेज में गुरुवार देर रात 2 बजे दोनों के पोस्टमॉर्टम हुए। इसके बाद शव मोर्चरी में रखवाए गए। शुक्रवार शाम करीब 7 बजे असद के फूफा डॉ. उस्मान, एक रिश्तेदार और दो वकीलों के साथ झांसी पहुंचे। फिर रात 9:30 बजे शूटर गुलाम के साले नूर आलम और रिश्तेदार मोहम्मद रेहान आए।
परिजनों ने पहले ही अपने डॉक्यूमेंट पुलिस को भेज दिए थे। पुलिस को उनको शव सौंपने थे, लेकिन पुलिस को शव सौंपने में करीब 6:30 घंटे का वक्त लग गया। इतना वक्त क्यों लगा, इस पर पुलिस अफसर चुप्पी साधे रहे। बताया जा रहा है कि जो परिजन शव लेने आए थे, उनका पुलिस ने पहले वैरिफिकेशन कराया। उसके बाद उनको शव सौंपे गए। इससे वक्त लगा है।
झांसी पहुंचे असद और गुलाम के परिजन मीडिया के सवालों से बचते हुए नजर आए। असद के फूफा, वकील और रिश्तेदार ने सिर्फ इतना कहा कि वे असद का शव लेकर प्रयागराज जाएंगे। वहां उसको दफनाया जाएगा। लेट आने के सवाल पर कहा कि ये फैमिली का फैसला था। वहीं, गुलाम के रिश्तेदारों ने कहा कि शव को प्रयागराज लेकर जा रहे हैं। वहां दफनाएंगे।
UP STF ने गुरुवार दोपहर 12:30 से 1 बजे के बीच एनकाउंटर में असद और शूटर गुलाम को मार गिराया था। दोनों उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड थे और 5-5 लाख का इनाम था। झांसी से 30 किमी. दूर बड़ागांव के पारीछा डैम के पास STF ने जब बाइक से भाग रहे असद और गुलाम को रोका तो दोनों फायर करने लगे। जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए।
एनकाउंटर के बाद STF ने असद और गुलाम पर बड़ागांव थाने में 3 FIR दर्ज कराईं है। पहली में दोनों को पुलिस पर फायरिंग करने पर हत्या की कोशिश का आरोपी बनाया गया। जबकि दो एफआईआर में वे आर्म्स एक्ट में आरोपी हैं। इसके अलावा, एनकाउंटर की एक एफआईआर भी STF ने दर्ज कराई है।
अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज की पुलिस शुक्रवार रात कौशांबी पहुंची। उसे संदीपन घाट थाना क्षेत्र स्थित महंगाई कस्बा लाया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम में ईडी के अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने अतीक से उसकी बेनामी संपत्ति कहां-कहां और किस-किस के जरिए संचालित होती है। इस बारे में पता लगाने की कोशिश की।
अधिकारी अभी उससे पूछताछ कर ही रहे थे कि अतीक की तबीयत बिगड़ गई। उसने सीने में दर्द और घबराहट होने की बात कही। जिसके बाद पुलिस उसे वापस लेकर प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल पहुंची। जहां पर डॉक्टरों ने उसका 15 मिनट तक चेक-अप किया। उसके बाद पुलिस उसे लेकर अस्पताल से बाहर आ गई। इसी बीच असद के एनकाउंटर पर अशरफ ने कहा, अल्लाह की चीज थी, अल्लाह ने ले लिया
माफिया अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर का आखिरी चैप्टर 24 घंटे पहले शुरू हुआ। उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स की लोकेशन मिलने के बाद 24 घंटे पहले ही STF की एक टीम झांसी पहुंची थी। शुरुआती जानकारी गुड्डू मुस्लिम के छिपे होने की मिली थी। हालांकि, बाद में सोर्स से असद और शूटर गुलाम के भी झांसी में चिरगांव के पास होने का पता चला। गुड्डू मुस्लिम तो STF के हाथ नहीं लगा, लेकिन असद और गुलाम मिल गए। क्रॉस फायरिंग में दोनों को STF ने मार गिराया।