प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की 72 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इस व्यक्ति की पत्नी और शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी के बीच कथित लेन-देन पर भी जांच एजेंसी की नजर है। इस लेन-देन का 4,300 करोड़ रुपये से अधिक के पीएमसी बैंक धनशोधन मामले की जांच से संबंध है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि प्रवीण राउत नामक व्यक्ति ने कर्ज की आड़ में पीएमसी बैंक से 95 करोड़ रुपये का गबन किया जिनमें से उन्होंने 1.6 करोड़ रुपये अपनी पत्नी माधुरी राउत को दिए। इसके बाद माधुरी ने 55 लाख रुपये दो हिस्सों में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को ‘ब्याज मुक्त ऋण के रूप में हस्तांतरित किए।
ईडी ने हाल ही में वर्षा राउत को इस लेनदेन के संबंध में तथा अन्य कुछ सौदों के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद महाराष्ट्र और केंद्र के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए जहां महा विकास आघाड़ी (एमवीए) नीत राज्य सरकार ने केंद्र पर उन्हें परेशान करने के लिए संघीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
वर्षा नोटिस पर नहीं कर रहीं अमल:
वर्षा राउत ने तीन बार एजेंसी के नोटिस पर अमल नहीं किया और अब वह पांच जनवरी को मुंबई में ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए पहुंच सकती हैं।
सांसद ने दी सफाई:
संजय राउत ने इस सप्ताह की शुरुआत में मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी पत्नी की ओर से किसी तरह की अनियमितता होने की बात को खारिज करते हुए कहा कि वे करीब डेढ़ महीने से इस मामले के सिलसिले में ईडी के साथ संपर्क में हैं। शिवसेना के राज्यसभा सांसद 59 वर्षीय संजय राउत ने कहा कि 55 लाख रुपये के कर्ज के लेन-देन के संबंध में ब्योरा ईडी को जमा किया जा चुका है।
अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक
-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.
-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.
अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g
आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ