पांच दिनों की इटली और ब्रिटेन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कम से कम एक दर्जन देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय मुलाकात संभव है। जिन देशों के नेताओं के साथ मुलाकात को अंतिम रूप दिया जा चुका है उनमें इटली, ब्रिटेन, नेपाल, सिंगापुर, फ्रांस, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, आस्ट्रेलिया, जापान, स्पेन के नाम शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के साथ मुलाकात की। इससे पहले गार्ड ऑफ ऑनर देकर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को रोम के पियाजा गांधी में भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने पियाजा गांधी में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन भी अर्पित किए। पीएम मोदी ने शुक्रवार को यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ एक संयुक्त बैठक भी की जिसमें धरती को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर विचार विमर्श हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भी पीएम की मुलाकात संभव है। इस मुलाकात को लेकर दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में है। शनिवार को पीएम की मुलाकात वेटिकन में पोप फ्रांसिस से भी होगी, माना जा रहा है कि पीएम उन्हें भारत यात्रा के लिए भी आमंत्रित करेंगे। पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकातों का सिलसिला इटली की राजधानी रोम पहुंचने के कुछ ही समय बाद ही शुरू हो गया।
पीएम मोदी ने सबसे पहले यूरोपीय परिषद की प्रेसिडेंट चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के प्रेसिडेंट उर्सूला लेयन से एक साथ मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में स्वयं पीएम मोदी ने इंटरनेट मीडिया साइट पर जानकारी दी और कहा कि हमारे बीच कारोबार, वाणिज्य, संस्कृति और पर्यावरण पर चर्चा हुई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची का कहना है कि उक्त बैठक में कोरोना, वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बातचीत हुई है। पीएम मोदी जी-20 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार सुबह इटली पहुंचे हैं। वहां दो दिनों के प्रवास के बाद पीएम मोदी एक और दो नवंबर को ग्लासगो (ब्रिटेन) जाएंगे जहां विश्व जलवायु सुरक्षा को लेकर आयोजित काप-26 बैठक में हिस्सा लेंगे।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि दो दिनों तक इटली में जी-20 की शीर्ष बैठक के बाहर भी भारत की कूटनीति पूरी तरह से सक्रिय रहेगी। एक तरफ पीएम मोदी की अगुआई में वहां कई देशों के प्रमुखों से मुलाकात होनी है वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (जो जी-20 बैठक के लिए भारत के शेरपा भी हैं) अलग-अलग स्तरों पर अपने समकक्षों से मिल रहे हैं।
जयशंकर की इंडोनेशिया के विदेश मंत्री मेनेत्री नागेरी से मुलाकात हुई। वाणिज्य मंत्री गोयल की भी कई देशों के वाणिज्य मंत्रियों से द्विपक्षीय मुलाकातों का दौर चल रहा है। इन सभी बैठकों में भारत के वाणिज्यिक व कूटनीतिक हितों का मुद्दा हावी रहेगा। एक साथ कई बैठकों का आयोजन का फैसला इसलिए भी किया गया है कि कोरोना की वजह से कई राष्ट्रप्रमुखों के साथ भारतीय पीएम की लंबे समय से मुलाकात नहीं हो पाई है।
नेपाल के नए पीएम शेर बहादुर देऊबा के साथ मोदी की मुलाकात अभी तक नहीं हो पाई है जो अब रोम में जा कर संभव होगी। भारत के रणनीतिक व आर्थिक हितों के लिए बेहद महत्वपूर्ण सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ भी मोदी की मुलाकात लंबे समय से नहीं हो पाई है। यह भी इटली में संभव होगी।