प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को स्वामित्व के तहत प्रॉपर्टी कार्ड की एक स्कीम लॉन्च करेंगे। 11 अक्टूबर, रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी शुरुआत करेंगे। इसे ग्रामीण भारत को बदलने के लिए ऐतिहासिक पहल बताया है। इस स्कीम के जरिए ग्रामीण अपनी संपत्ति का उपयोग वित्तीय संपत्ति के तौर पर कर लोन व अन्य आर्थिक लाभ उठा सकते हैं।
प्रधानमंत्री के कार्यालय ने कहा कि इस स्कीम के लॉन्च से करीब 1 लाख प्रॉपर्टी के मालिक अपने मोबाइल फज्ञेन पर आए एसएमएस लिंक से प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे और फिर राज्य सरकारों द्वारा प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्यप्रदेश के 50 और कर्नाटक के दो गांवों समेत 6 राज्यों के 763 गांव में इसके लाभार्थी हैं। 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री शुरू की गई ‘स्वमित्व’ स्कीम के तहत प्रतियों को सौंप दिया जाएगा और 2024 तक 6.40 लाख गांवों का नक्शा तैयार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गांवों की आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है लेकिन अब इस स्कीम के जरिए प्रत्येक आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा। ग्रामीण भारत में बदलाव लाने वाला अहम कदम है। इस साल राष्ट्रीय पंचायत दिवस, 24 अप्रैल को लाए गए इस स्कीम के तहत ग्रामीण भारत में संपत्ति से जुड़े मामलों के वैध समाधान का उद्देश्य है। देश के तमाम राज्यों में इस स्कीम को लागू करने के लिए राजस्व विभाग या लैंड रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट को नोडल विभाग बनाया गया है जो राज्य के पंचायती राज्य विभाग के सहयोग से इसे लागू करेगा। सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से इस कार्य में तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री द्वारा लाई गइ इस स्कीम के तहत ड्रोन सर्वे ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा। इससे गांव में रहने वाले लोगों को अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड्स ऑफ राइट्स मिलेगा। साथ ही इसके जरिए ग्रामीण योजना के लिए जमीन के सटीक आंकड़े मिलेंगे और प्रॉपर्टी टैक्स के आकलन में सरकार को मदद मिलेगी। महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों को एक दिन के भीतर उनके जमीन के कागजात डाउनलोड करने के लिए एसएमएस लिंक एक दिन के भीतर भेज दिया जाएगा। महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड पर शुल्क रखा गया है, इसलिए वहां इसमें एक महीने तक का समय लग सकता है।