पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर पहली बार बात की। प्रधानमंत्री ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी है। इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडन को चुनाव में जीत के लिए बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि हमने सामरिक, क्षेत्रीय मुद्दों समेत अपनी साझी प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘आज मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बात की और उन्हें चुनावों में मिली सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। हमने क्षेत्रीय मसलों और साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की। हम जलवायु परिवर्तन की समस्या पर अपने सहयोग को और आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं। मैं और राष्ट्रपति बाइडन एक नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भारत-प्रशांत क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को उनकी शानदार जीत पर बधाई दी है। इससे पहले मतगणना के दौरान जब राष्ट्रपति बाइडन चुनाव जीते थे तब भी पीएम मोदी ने उन्हें ट्वीट कर शुभकामनाएं दी थीं।
प्रधानमंत्री ने बाइडन की जीत पर अपने बधाई संदेश में कहा था कि भारत और अमेरिका साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए साथ खड़े हैं। भारत और अमेरिका के बीच संबंध साझेदारी और साझा मूल्यों पर आधारित हैं। मैं बाइडन के साथ काम करने और भारत और अमेरिका की साझेदारी को नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हूं।
यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई है जब भारत और अमेरिका की सेनाएं राजस्थान में युद्धाभ्यास कर रही हैं। ऐसे में जब बाइडन प्रशासन स्पष्ट तौर पर कह चुका है कि चीन को लेकर ट्रंप के कार्यकाल की नीतियों में बदलाव नहीं आएगा। इस बातचीत के खास मायने लगाए जा रहे हैं। यही नहीं मौजूदा वक्त में जब पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ तनाव बना हुआ है। यह बातचीत भारत और अमेरिका के संबंधों की मजबूती के संकेत भी दे रही है।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के संबंधों में काफी सुधार हुआ। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि बाइडन प्रशासन के दौरान भारत को संभवत: उतना महत्व नहीं मिलेगा। लेकिन, मोदी और बाइडन की आज की बातचीत से स्पष्ट है कि व्यवस्था बदलने से भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।
पिछले महीने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी रे ब्लिनकेन ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। माना जा रहा है कि इसी वार्ता ने बाइडन और पीएम मोदी के बीच होने वाली टेलीफोन वार्ता की जमीन तैयार की थी। यही नहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी टेलीफोन पर बात की थी। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने साफ कहा था कि अमेरिका भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए प्रतिबद्ध है।
हाल ही में बाइडन प्रशासन ने कहा था कि चीन को पड़ोसियों को डराने-धमकाने से बाज आना चाहिए। अमेरिका ने यह भी कहा था कि एलएसी के हालात पर उसकी करीबी नजर है। अमेरिका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय हितों के साथ खड़ा रहेगा। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की प्रवक्ता एमिली जे होर्न ने कहा कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा समृद्धि के लिए हम अपने साझेदारों के साथ खड़े रहेंगे।
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आदर्श कुमार
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