प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी तीन दिवसीय यूरोप यात्रा को समाप्त कर स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं। पेरिस में अपने अल्प प्रवास के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर वो बुधवार (स्थानीय समय) को भारत के लिए रवाना हुए।
फ्रांस में पीएम मोदी ने नवनिर्वाचित फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कई मुद्दों को लेकर बातचीत की। उन्होंने रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों सहित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। फ्रांस से रवाना होने पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि, ‘फ्रांस की मेरी यात्रा संक्षिप्त थी, लेकिन यह कई मायनों में बहुत उपयोगी थी। इस दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा करने का अवसर मिला। मैं उन्हें और फ्रांसीसी सरकार को गर्मजोशी से आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।’
पीएम मोदी ने अपनी यूरोप यात्रा के दौरान जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं। साथ ही उन्होंने तीनों देशों में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत भी की। अपनी यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री ने जर्मनी और डेनमार्क के व्यापारिक नेताओं के साथ भी बातचीत की है।
पीएम मोदी अपनी यूरोप यात्रा के तहत सबसे पहले सोमवार को बर्लिन पहुंचे। जहां उन्होंने छठे भारत-जर्मनी इंटर गवर्नमेंट कंस्लटेशन में भाग लेने से पहले जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ द्विपक्षीय चर्चा की। जिसके बाद पीएम ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि इंटर गवर्नमेंट कंस्लटेशन सार्थक रही। इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच कुल नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जिसमें ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप पर एक संयुक्त घोषणापत्र शामिल है। जिसके तहत जर्मनी 2030 तक भारत को 10 बिलियन यूरो की नई और अतिरिक्त विकासात्मक सहायता देने पर सहमत हुआ।
यूरोप यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी कोपेनहेगन पहुंचे, जहां उन्होंने अपने डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ बातचीत की और दोनों देशों के बीच व्यापार और पर्यावरण संबंधी मुद्दों समेत द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों के बीच औपचारिक रूप से कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अपनी यात्रा के तीसरे दिन, पीएम मोदी ने नार्वे, स्वीडन, आइसलैंड, फिनलैंड और डेनमार्क के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नार्डिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।