प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हर साल की तरह इस साल भी दीवाली का त्योहार मनाने के लिए राजस्थान के जैसलमेर स्थित लोंगेवाला (Longewala) में तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों के पास पहुंचे और उनका हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने यहां ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने दीवाली के मौके पर जवानों के बीच मिठाई का वितरण किया। प्रधानमंत्री ने लोंगेवाला पोस्ट पर स्थित संग्रहालय केंद्र का भी दौरा किया।
साथ ही उन्होने पाकिस्तान और चीन को सख्त संदेश दिया और कहा कि यदि आजमाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें प्रचंड जवाब मिलेगा। इसपर भारत की ओर से रत्ती भर भी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘आतंक के आकाओं को घर में घुसकर मारता है भारत। जब तक आप (सेना) हैं देश की दीवाली इसी तरह रोशन होती रहेगी। संबोधन के अंत में उन्होंने जवानों के साथ मिलकर भारत माता की जय के नारे लगाए।’ बता दें कि जवानों के साथ दीवाली मनाने की परंपरा को कायम रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी लगातार सातवीं बार जैसलमेर बॉर्डर पर हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, आर्मी चीफ एमएम नरवने और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना भी हैं।
प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा, आज जिस प्रकार दूसरे क्षेत्रों में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है उसी तरह हमारे सुरक्षा तंत्र में भी वुमेन पावर की भूमिका को और व्यापक किया जा रहा है।’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ दीपावली के दिन दरवाजे या गेट के सामने शुभ-लाभ या रिद्धि-सिद्धि आदि रंगोली की परंपरा है। इसके पीछे यही सोच होती है कि दीपावली पर समृद्धि आए। वैसे ही देश की सीमाएं एक प्रकार से देश का द्वार होती हैं। ऐसे में देश की समृद्धि, शुभ-लाभ और रिद्धि-सिद्धि आपसे (सेना) है।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘कोरोना काल में वैक्सीन विकसित करने में जुटे वैज्ञानिकों के साथ ही मिसाइल बनाने वाले वैज्ञानिकों ने देश का ध्यान खींचा है। इस दौरान निरंतर मिसाइलों के टेस्टिंग की खबरें आती रहीं। आप कल्पना कर सकते हैं कि बीते कुछ महीनों में ही देश की सामरिक ताकत कितनी ज्यादा बढ़ गई है।’
प्रधानमंत्री ने संबोधन में तीन आग्रह किए। उन्होंने कहा, ‘ तीन बातों का आग्रह करूंगा। पहला कुछ न कुछ नया इनोवेट करने की आदत को जिंदगी का हिस्सा बनाएं। दूसरा मेरा आग्रह आप लोगों के लिए बहुत जरूरी है हर हालत में योग को बनाएं जीवन का हिस्सा। तीसरा हम सबकी अपनी मातृभाषा है लेकिन यदि सामूहिक जीवन होता है तो मातृभाषा के साथ एक और भाषा सीखें, इससे नई ऊर्जा का संचार होगा।’
उन्होंने कहा, ‘ आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है लेकिन यदि हमें आजमाने की कोशिश की तो फिर जवाब उतना ही प्रचंड होगा। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है। भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है। आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है।’