लाल किले पर 400 रागी जब शबद कीर्तन कर रहे थे तो सामने जमीन पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी भी ध्यानमग्न नजर आए। इससे पहले उन्होंने लाल किले की उस प्राचीर से देश को संबोधित किया, जहां से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही प्रधानमंत्री भाषण देते रहे हैं। गुरुवार की रात को 10 बजे यह मौका था, सिख पंथ के नौवें गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व का। लाल किले पर जगमग रोशनी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान एक तरफ सिख गुरुओं की बलिदानी परंपरा का जिक्र किया तो वहीं मजहबी कट्टरता पर भी खुलकर बोले। इस दौरान उन्होंने सिख समुदाय के लोगों को खास संदेश देते हुए कहा कि अफगानिस्तान में जब संकट आया तो हम गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को सिर पर लेकर आए और सिखों को बचाया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पवित्र शीशगंज गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था।’ मोदी ने कहा, ‘उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी।’ ऐसे समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर जी के रूप में दिखी थी। औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेग बहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे।
अपने भाषण से पीएम नरेंद्र मोदी ने कैसे सिख समुदाय को साधने का प्रयास किया, इसे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा की स्पीच से भी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह भावुक करने वाला क्षण है कि उसी लाल किले पर गुरु तेग बहादुर को याद किया गया, यह वही स्थान है, जहां से उनके खिलाफ फरमान सुनाया गया। यहां हमारे सामने ही वह स्थान है, जहां गुरु जी का बलिदान हुआ था। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुये। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं।’
मनजिंदर सिंह सिरसा ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह जब हेमकुंड साहिब गए तो वहां आवाजाही की समस्या देखी और खुद से ही रोपवे के निर्माण का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों के चलते ही करतारपुर कॉरिडोर खुल सका था। सिरसा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी पर गुरुओं का आशीर्वाद हुआ है कि वह यहां आए। उन्होंने कहा कि ऐसा नजारा हम शायद अब कभी न देख पाएं। ऐसा लगता है कि 21 अप्रैल की आज की तारीख को समां ठहर गया है।