कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए और देश के स्वास्थ्य सेवा को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उपयोग जांच सुविधाओं को बढ़ाने, अस्पतालों में आइसोलेशन बेड बढ़ाने, आईसीयू में बेड की संख्या बढ़ाने, वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के लिए होगा। यही नहीं, मेडिकल और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र संबोधन के दौरान दो बार हाथ जोड़कर अपील की और कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए निरंतर कोशिश कर रही हैं। आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं: पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कोरोना वायरस की संक्रमण सायकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। अभी के हालात को देखते हुए, देश में ये लॉकडाउन 21 दिन का होगा।
चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना: पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भी ये मानकर चलना चाहिए कि हमारे सामने यही एक मार्ग है- हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना है। पीएम ने कहा कि उपाय क्या है, विकल्प क्या है? कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए।यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली-ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरू किया, तो हालात बेकाबू हो गए।
पीएम ने बताया कैसे फैलती गई महामारी
सोचिए, पहले एक लाख लोग संक्रमित होने में 67 दिन लगे और फिर इसे 2 लाख लोगों तक पहुंचने में सिर्फ 11 दिन लगे। ये और भी भयावह है कि दो लाख संक्रमित लोगों से तीन लाख लोगों तक ये बीमारी पहुंचने में सिर्फ चार दिन लगे। आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए।
घर में रहें, घर में रहें और घर में रहें: पीएम
घर में रहें, घर में रहें और एक ही काम करें कि अपने घर में रहें। साथियों, आज के फैसले ने, देशव्यापी लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है।