पीएम ने दिया आश्वासन , न कोई सीमा में घुसा है, न कोई पोस्ट किसी के कब्जे में

भारत चीन सीमा विवाद को लेकर उठ रहे राजनीतिक सवालों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों को स्पष्ट कर दिया है कि वहां न तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। कांग्रेस, वाम जैसे विपक्षी दलों की ओर से उठे सवालों के बीच प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वस्त किया है कि देश की सेना सक्षम भी है और सरकार की ओर से उन्हें यथोचित कार्रवाई की पूरी छूट भी दे दी गई है, कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता है। जैसी अपेक्षा थी, सर्वदलीय बैठक में कुछ वैसा ही हुआ।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से सवालों की झड़ी लगी। साथ ही सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि उसने सर्वदलीय बैठक बुलाने में देर कर दी। सेना पर पूरा भरोसा जताते हुए सरकार के साथ खड़ी होने के लिए यह शर्त भी रखी कि विपक्ष को हर बात की पूरी जानकारी दी जाए। इस रुख के बाद माना जा सकता है कि जिस तरह पिछले दिनों में कांग्रेस की ओर से सवाल उठते रहे हैं, वह बरकरार रह सकता है। लेकिन कांग्रेस से इतर वाम के अलावा दूसरे सभी विपक्षी दलों ने सरकार के निर्णय पर भरोसा जताया। 

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘संकट की इस घड़ी में हम सरकार के साथ हैं और हम जीतेंगे।’ बसपा नेता मायावती ने प्रधानमंत्री के निर्णय के साथ खड़े होने की बात की। द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने हाल में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान का स्वागत किया। एनसीपी नेता व पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने जहां कुछ सुझाव दिए, वहीं परोक्ष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अहसास कराया कि सीमा पर सैनिक हथियार के साथ जाते हैं या नहीं, अंतरराष्ट्रीय संधि से तय होते हैं। राजनीतिक दलों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।