प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ गंभीर बात, यह कृत्य देश के लिए ठीक नहीं : मनमोहन वैद्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने हैदराबाद में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ पंजाब में जो खिलवाड़ हुआ, वह गंभीर विषय है। सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ यह कृत्य देश के लिए ठीक नहीं है। सरकार इसकी जांच करा रही है। वह शुक्रवार को तेलंगाना के हैदराबाद यानी भाग्यनगर में चल रहे संघ समन्वय बैठक के अंतिम दिन पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ का अंतिम लक्ष्य भारत को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ देश बनाना है। भारतीय व्यापार करने कई देश गए, लेकिन उन्होंने किसी देश पर कब्जा नहीं किया। लोगों को मतांतरित नहीं किया। संघ चाहता है कि सबको साथ लेकर चलते हुए भारत फिर अपनी विशेष पहचान लेकर दुनिया को दिशा देने का काम करें। वैद्य ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए सभी प्रांतों में सरकारी दिशानिर्देशों के अनुरूप संघ के कार्यो का संचालन करने को कहा गया है

मनमोहन वैद्य ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक संघ के अलग-अलग 36 अनुषांगिक संगठनों से जुड़कर और समाज के साथ मिलकर देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। सभी संगठन अपने-अपने स्तर से निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं, परंतु वे जो नए प्रयोग करते हैं और समाज से जो अनुभव मिलता है, सभी संगठन एक-दूसरे से साझा करते हैं। इसलिए वर्ष में एक बार इस तरह की बैठक होती है

वैद्य ने कहा, समाज से कुपोषण को दूर करने के लिए आरोग्य भारती अभियान चला रही है। वहीं, आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन जैसे भारतीय मजदूर संघ, लघु उद्योग भारती, स्वदेशी जागरण मंच आदि रोजगार पैदा करने के काम में लगे हैं। नई शिक्षा नीति जो लागू हुई है, वह कैसे जमीन पर उतरे, इसकी चिंता शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले संगठन कर रहे हैं।
सह सरकार्यवाह ने कहा कि भारत को स्वतंत्रता कुछ लोगों के कारण मिली है, ऐसा नहीं है। इसमें दलितों, जनजातीय समाज केलोगों सहित हजारों ऐसे लोगों का योगदान रहा, जिन्हें हम जानते नहीं हैं। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर ऐसे लोगों के संबंध में कहानियां प्रकाशित करने का प्रयत्न जारी है। 250 कहानियां प्रकाशित की गई हैं। संस्कार भारती ने 75 ड्रामा के माध्यम से वैसे लोगों का जीवन बताने का प्रयास किया है

पूछे गए कुछ सवालों के जवाब में मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत के इतिहास को लोगों को ठीक से बताया जाना चाहिए। सरकारी योजनाओं को लागू करना सरकार का काम है। सामाजिक क्षेत्र में काम करने के कारण हमसे सरकार अपनी नीतियों को लागू कराने में मदद मांगती हैं तो देंगे। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के संबंध में कहा कि सबके स्वास्थ्य की चिंता करते हुए चुनाव प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।
वैद्य ने नई शिक्षा नीति का भगवाकरण करने के आरोप पर कहा कि संघ का शुरू से विरोध होता रहा है, पर संघ डरता नहीं है। स्वाधीनता के बाद भारत की एक अपनी पहचान है। उस पहचान को नकारने, उसका विरोध करने, समाज के टुकड़े करने करने मेंे कुछ गैंग पहले से सक्रिय रहे हैं। जब भी एकता का भाव जगाने की बात आती है तो ये गैंग विरोध पर उतर आते हैं।