मित्रो दुनिया में आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हम तमाम संकल्प लेते हैं, कई प्रतिज्ञाएं करते हैं कि अपने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए ये करें वो करें. लेकिन अगले ही दिन इन सब बातों को भूल हर हमारी गाड़ी पुराने स्टाइल में चलने लगती है. इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी भारत कर रहा है. इस साल के पर्यावरण दिवस की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण से धरती को दूर रखना’ है.आखिर क्यों हम अपने पर्यावरण को इस तरह बर्बाद कर रहे हैं? हम जानते हैं कि पर्यावरण प्रदूषण मुक्त है तो इंसानी सभ्यता का अस्तित्व भी इस पृथ्वी पर है. नहीं तो मानव सभ्यता भी उन तमाम सभ्यताओं, जीव-जन्तु और पेड़ पौधों की तरह खत्म हो जाएगी. जिन्हें हम आज सिर्फ इतिहास की किताबों में पाते हैं.
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. बचपन में ये कहावत हम सबने सुनी और किताबों में पढ़ी होगी. पर्यावरण दिवस मनाना भी इसी आवश्यकता की पूर्ति का एक हिस्सा है. पूरी दुनिया में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाना शुरु किया गया , ताकि पृथ्वी पर बढ़ रहे प्रदूषण से मानव सभ्यता का मुक्ति दिलाई जा सके, लेकिन बावजदू इसके स्थिति और अधिक भयावह होती जा रही है. 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी ने ‘पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव’ विषय पर व्याख्यान दिया था. पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में भारत का यह पहला कदम था. तभी से हम हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं.
विश्व पर्यावरण दिवस वह दिन है जिस दिन दुनियाभर में सबसे अधिक वृक्षारोपण किया जाता है. इस साल विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन की मेजबानी संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत को सौंपी है. हर साल की तरह इस साल भी विश्व पर्यावरण दिवस को एक नई थीम दी गई है. इस साल की थीम प्लास्टिक के प्रयोग से मुक्ति है. याद रखें वृक्ष हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं. आज हम पेड़ लगाएंगे तो धरती को प्रदूषण से मुक्त कर सकेंगे. अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाने हैं और प्लास्टिक प्रदूषण से धरती को दूर रखना. अगर आज पेड़ लगेंगे, तभी हम कल सांस ले पाएंगे. इसलिए पेड़ लगाएं और इस खूबसूरत धरा को बचाएं.