भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते में योग, शेफ और वर्किंग वीजा की इजाजत के बाद आस्ट्रेलिया भारतीय फार्म (खेती बाड़ी) सेक्टर से जुड़े वीजा के लिए भी अपने दरवाजे खोल सकता है। बुधवार को आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री डेन टेहन ने इसके संकेत दिए। वहीं, दोनों देशों के छात्र जल्द ही डुअल डिग्री व्यवस्था के तहत इंजीनियरिंग, मेडिकल व अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर सकेंगे। इस पर दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है। जल्द ही दोनों देशों के मानव संसाधन मंत्रालय डुअल डिग्री व्यवस्था को अंतिम रूप देंगे।
बुधवार को भारत और आस्ट्रेलिया के व्यापार मंडल की बैठक में टेहन ने कहा कि वह सर्विस सेक्टर में भारत के योग व शेफ के अलावा फार्म सेक्टर के लिए भी आस्ट्रेलिया का दरवाजा खोल सकते हैं। भारत आस्ट्रेलिया पर फार्म सेक्टर वीजा की इजाजत देने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। इसका फायदा यह होगा कि भारत के कृषक कामगारों को भी आस्ट्रेलिया में काम करने का मौका मिलेगा। हाल ही में आस्ट्रेलिया ने वियतनाम को फार्म वीजा देने की इजाजत दी है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि डुअल डिग्री व्यवस्था पर दोनों देशों की तरफ से मंजूरी के बाद दोनों देशों के विश्वविद्यालय आपस में सहमति बनाएंगे। फिर इस व्यवस्था के तहत पढ़ाई होगी। इसके तहत चार साल के किसी कोर्स में दो साल भारत में तो दो साल आस्ट्रेलिया में छात्र को पढ़ना होगा। ऐसे में आस्ट्रेलिया के छात्र भी दो साल भारत में पढ़ेंगे।
आस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले छात्रों को दो से चार साल का वीजा देने के अलावा हालीडे वर्किंग वीजा के लिए भी आस्ट्रेलिया तैयार हो गया है। हालीडे वर्किंग वीजा अब तक आस्ट्रेलिया सिर्फ विकसित और यूरोपीय देशों के नागरिकों को ही देता रहा है। वर्क व हालीडे वीजा में किसी खास सेक्टर की विशेष जानकारी व अंग्रेजी का अच्छी जानकारी जरूरी है। लेकिन वर्किंग वीजा में ऐसी कोई शर्त नहीं होती है। आस्ट्रेलिया हर साल एक हजार भारतीयों को वर्किंग वीजा देगा। इस वीजा की अवधि एक साल होगी।