वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को चक्रवात ताउते को देखते हुये तैयारियों को लेकर उद्योग जगत के साथ विचार विमर्श किया और कहा कि चक्रवात के गुजर जाने के बाद सबसे पहले दवा उद्योग और खासतौर से ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले उद्योगों को कामकाज शुरू करने में प्राथमिकता दी जायेगी।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उद्योगों के साथ गोयल की बैठक के दौरान ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति, दवाओं का बफर स्टॉक रखने और जरूरी चीजों को लेकर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान संचार सुविधाओं और अन्य उपयोग की चीजों का सामान्य तौर पर उपलब्ध होने को लेकर भी बातचीत हुई।
गोयल ने कहा कि चक्रवात के बाद इसका प्रभाव दिख सकता है ऐसे में उद्योग को स्वास्थ्य कर्मियों को समर्थन एवं सहयोग देना होगा। बयान में कहा गया है कि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि तरल चिकित्सा ऑक्सीजन, दवा उद्योग, सिलेंडर बनाने वाली इकाइयां अथवा दवा उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाले उद्योगों को परिचालन शुरू करने में प्राथमिकता दी जायेगी।
मंत्री ने रेलवे प्रशासन को भी स्थिति पर निगाह रखने को कहा और प्रभावित इलाकों में कम से कम समय में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति और दूसरी मदद पहुंचाने के लिए तैयार रहने को कहा।
गोयल ने कहा कि चक्रवात पर निगाह रखने के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष पहले से ही काम कर रहा है। उन्होंने बड़े उद्योगों से भी कहा कि वह अपने क्षेत्र में काम करने वाले छोटे उद्योगों आपूर्तिकर्ताओं और पास पड़ोस के उद्योग संघों के साथ सहयोग करें और उन्हें समर्थन दें।
इस बैठक में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राजय मंत्री मनसुख मांडविया भी उपस्थित थे। इसके अलावा भारतीय मौसम विभाग, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग, रेल मंत्रालचय, एनउीएमए और गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा तथा संघा शासित प्रदेश दादर और नागर हवेल, दमण और दीव के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।