पीलीभीत विकासखंड बिलसंडा में जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता के निर्देशानुसार खण्ड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्रामीण क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताया गया एवं बताया गया कि यदि किसी भी माता पिता द्वारा अपनी (18 वर्ष) पुत्री एवं अपने (21) पुत्र का बाल विवाह किया जाता है तो बाल विवाह करने वाले माता पिता व विवाह में उपस्थित पण्डित/काजी, हलवाई, टेन्ट वाला एवं खाना बनाने वालों को सजा दिए जाने का प्राविधान है। ऑगनवाडी कार्यकत्रियों को ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान होता है उन्हें इस बात का ध्यान रखना अनिवार्य है कि किसी भी परिवार में पुत्री की आयु 18 वर्ष व पुत्र की आयु 21 वर्ष होने के बाद ही विवाह किया जाए।
विकास खण्ड बिलसंडा में 07 जन्मी बच्चीयों का केक काट कर कन्या जन्मोत्सव मनाया गया एवं बताया गया कि हमे बेटियों के जन्म होने पर खुशी मनानी चाहिए क्योंकि बेटियां समाज मे आगे आकर समाज एवं परिवार का नाम रोशन करती है बेटियां भी बेटों की तरह सभी कार्यों में अपना योगदान देती हैं, इसी क्रम में वन स्टॉप सेंटर से मृदुला शर्मा द्वारा महिला कल्याण विभाग की सभी योजनाओं जैसे कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, वन स्टॉप सेंटर एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान महिला कल्याण विभाग से मृदुला शर्मा, केस वर्कर धीरज, चाइल्ड हेल्पलाइन से केस वर्कर संजय सिंह एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।
पीलीभीत:बाल विवाह करने वाले माता पिता व विवाह में उपस्थित पण्डित/काजी, हलवाई, टेन्ट वाला एवं खाना बनाने वालों को सजा दिए जाने का प्राविधान है।
