वैक्सीन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी फाइजर इंक और बायोनटेक एसई ने बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया है। फाइजर और बायोनटेक ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनियों को उम्मीद है की 2022 तक टीकाकरण की उम्र को एक्सपेंड कर दिया जाएगा।
फाइजर के प्रवक्ता शेरोन कैस्टिलो ने कहा कि शुरुआती चरण के परीक्षण में पहले वॉलिन्टियर को बुधवार को अपना पहला इंजेक्शन दिया गया था। कैस्टिलो ने कहा कि कंपनियों को 2021 की दूसरी छमाही में परीक्षण से डेटा मिलने की उम्मीद है।मॉडर्ना इंक ने भी पिछले हफ्ते एक ट्रायल लॉन्च किया है, वह एक बाल चिकित्सा परीक्षण हैं जिसमें 6 महीने तक के बच्चे भी शामिल होंगे।
इस अभियान के तहत अमेरिका और कनाडा में 6 महीने से 11 साल तक के 6750 बच्चों को ट्रायल के लिए रजिस्टर्ड किया गया है। अमेरिका के नेशनल एलर्जी और इंफेक्सियस डिजीज इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर किए जा रहे इस ट्रायल में ये पता लगाना है कि क्या मॉडर्ना की mRNA-1273 वैक्सीन कोरोना वायरस के संपर्क में आने पर बच्चों में उससे सुरक्षा करने की क्षमता विकसित कर पाता है?
मॉडर्ना का शॉट 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा रहा है, बता दें कि छोटे बच्चों के लिए अभी तक कोई COVID-19 वैक्सीन अधिकृत नहीं की गई है। फाइजर और बायोनटेक एसई की योजना है कि बाद में ये इस ट्रायल को एक्सपेंड करेंगे जिसमें वे युवा लोगों में एंटीबॉडी के स्तर को मापकर, वैक्सीन द्वारा उत्पन्न सुरक्षा, सहनशीलता और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का परीक्षण करेंगे।
कैस्टिलो ने कहा कि कंपनियों को 2021 की दूसरी छमाही में परीक्षण से डेटा मिलने की उम्मीद है। फाइजर 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों में वैक्सीन का परीक्षण कर रहा है। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में उस परीक्षण से डेटा प्राप्त होगा।