सुप्रीम कोर्ट में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के गंभीर असर को देखते हुए कर्ज भुगतान में राहत के लिए एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम करने के लिए कई राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन से लोगों और कारोबारियों को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
याचिका में ऐसे लोगों को इस वर्ष जून से अगस्त तक कर्ज भुगतान से छूट (मोरेटोरियम) दिए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में अप्रैल से अगस्त तक कर्ज की किस्त चुकाने में विफल रहने वालों के लोन खातों को डूबा हुआ कर्ज (एनपीए) घोषित नहीं करने की भी मांग रखी गई है।