फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग अपनी जड़ों को भूल गए हैं : प्रसून जोशी

सेंसर बोर्ड के चेयरमैन और राइटर प्रसून जोशी का कहना है बॉलीवुड अपनी जड़ो को भूल गया है और इसी वजह से फिल्मों को लगातार असफलता का मुंह देखना पड़ना पड़ रहा है। प्रसून का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को इस बुरे कंडीशन से निकलना चाहिए न कि विक्टिम कार्ड खेलना चाहिए। प्रसून ने कहा है कि एक समय पर बॉलीवुड माइथोलॉजी और लिट्रेचर से संबंधित फिल्में बनाती थी लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है।
प्रसून जोशी ने हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बड़े बजट वाली हिंदी फिल्मों की लगातार असफलता पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा- “फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को विक्टिम कार्ड न खेलकर इस बुरे दौर से निकलने का सोचना चाहिए। आजकल मेकर्स अपने रूट्स को भूल गए हैं। एक समय होता था जब बालीवुड में माइथोलॉजी और साहित्य से जुड़े हुए विषय पर फिल्म बनते थे लेकिन आज कल की फिल्मों में ऐसा कुछ भी ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता।
आज बालीवुड अधिकतर मुंबई तक ही सीमित रह गया है। आज कल की फिल्मों में एक किसान के किरदार को कैसे दिखाना है वो भी डायरेक्टर्स को नहीं पता होता है क्योंकि कईयों ने तो अपनी पूरी लाइफ में एक किसान तक को नहीं देखा होगा।
प्रसून जोशी सेंसर बोर्ड के प्रेसिडेंट होने के साथ-साथ जाने माने लेखक और फिल्म मेकर हैं। उन्हें दो बार नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। उन्होंने 2014 में मिल्खा सिंह के जीवन पर बनी फिल्म भाग मिल्खा भाग की स्क्रिप्ट भी लिखी थी। 2017 में पहलाज निहलानी के बाद उन्होंने सेंसर बोर्ड के प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी संभाली।