रमजान के पवित्र महीने में पाकिस्तान में जान गवां रहे लोग, पढ़िए खबर

इन दिनों रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। दुनिया के तमाम देशों में मुस्लिम इबादत करने के साथ रोजे रख रहे हैं। पाकिस्तान में इन्हीं दिनों मुफ्त आटा हासिल करने के लिए भगदड़ मच रही है और इसमें अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक- पाकिस्तान के अकेले पंजाब प्रांत में ही मुफ्त आटा हासिल करने की जद्दोजहद में महिलाओं समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
रमजान शुरू होने के बाद से अब तक मुफ्त आटा हासिल करने की कोशिश में 11 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। खास बात यह है कि यह आंकड़ा पंजाब प्रांत के सिर्फ चार जिलों का है। ये जिले हैं- साहिवाल, बहावलपुर, मुजफ्फरगढ़ और ओकारा। चारों ही जिले दक्षिण पंजाब में आते हैं। इन जिलों में 60 लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि लोगों की मौत भगदड़ की वजह से हुई है।
पाकिस्तान में एक किलोग्राम आटा इस वक्त 185 रुपए में बिक रहा है। देश में ज्यादातर लोग तंदूर की दुकानों से रोटियां खरीदते हैं। लाहौर में एक रोटी करीब 40 रुपए की मिल रही है। तंदूर चलाने वाले दुकानदारों का कहना है कि महंगी बिजली और मेंटेनेंस की वजह से उन्हें रोटी महंगी बेचनी पड़ रही है।
हालात बिगड़ते देख सरकार ने गरीबों के लिए मुफ्त आटा देने की स्कीम शुरू की, लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह यह है कि सरकारी अफसर ये खराब क्वॉलिटी का आटा भी ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं।
जैसे ही किसी इलाके में मुफ्त आटा लिए ट्रक पहुंचता है तो भगदड़ मच जाती है। इसकी वजह से 11 लोगों की मौत हुई और 60 घायल हुए। मंगलवार को दो महिलाओं और एक पुरुष की मौत हुई। इसके बाद पुलिस ने भूखे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया

पिछले हफ्ते पाकिस्तान में महंगाई दर 47% थी। जनवरी में यह 27.6% थी। यह 1975 के बाद सबसे ज्यादा है। 31 जनवरी को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF की एक टीम पाकिस्तान पहुंची थी। 10 दिन चली बातचीत के बाद भी कोई एग्रीमेंट नहीं हो सका और टीम कर्ज की किश्त मंजूर किए बिना ही लौट गई। यह टीम 6 अरब डॉलर के लोन की अगली किश्त (1.2 अरब डॉलर) जारी करने की शर्तों पर बातचीत कर रही थी।
IMF ने बेहद सख्त शर्तें रखी हैं। इतना ही नहीं उसने इन तमाम शर्तों को पूरा करने के लिए पॉलिटिकल गारंटी भी मांगी है। IMF चाहता है कि पाकिस्तान सरकार इलेक्ट्रिसिटी और फ्यूल को 60% तक महंगा करे। टैक्स कलेक्शन दोगुना करने को कहा गया है।
मामला तब गंभीर हो गया जब शाहबाज सरकार ने फ्यूल सिर्फ 35% महंगा किया और गरीबों को सब्सिडी दे दी। IMF ने इसके बाद कहा- अब किसी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं बची है।
सरकार के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी या कहें शर्मिंदगी की बात यह है कि इस वक्त कराची पोर्ट पर करीब 9 हजार कंटेनर्स खड़े हैं। इन्हें अनलोड सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सका है, क्योंकि बैंकों के पास डॉलर नहीं हैं और इस वजह से पेमेंट नहीं हो रहा है।
दो महीने पहले तक पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर रहे मिफ्ताह इस्माइल ने कहा है कि पाकिस्तान अब किसी भी वक्त डिफॉल्टर घोषित हो सकता है। एक टीवी शो के दौरान उन्होंने कहा- इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF हमें नए कर्ज की किश्त देने तैयार नहीं है। इमरान खान के दौर में हमारी इकोनॉमी की जो तबाही शुरू हुई, उससे हम उबर ही नहीं सके।

शाहबाज शरीफ सरकार के पहले वित्त मंत्री इस्माइल को सच बोलने वाला नेता माना जाता है। यही वजह है कि उनकी जगह इशहाक डार को फाइनेंस मिनिस्टर बनाया गया। वो तरह-तरह के दावे कर रहे हैं। आईएमएफ को धमकी दे रहे हैं। डार को उम्मीद है कि चीन और सऊदी अरब मिलकर पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचा लेंगे।
पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 2.6 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। इससे पुराने कर्ज की किश्तें भी नहीं भरी जा सकतीं। फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने कहा था कि चीन और सऊदी अरब पाकिस्तान को बहुत जल्द 13 अरब डॉलर का नया कर्ज देंगे। यह अब तक नहीं मिला और दोनों देश चुप हैं।
दूसरी तरफ, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने भी कर्ज की तीसरी किश्त रोक दी है। ऐसे में अब जनवरी से मार्च के पहले क्वॉर्टर में विदेशी कर्ज चुकाने और इम्पोर्ट के लिए फंड्स कहां से आएंगे, इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लग गया है।
पाकिस्तान के अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक- फाइनेंस मिनिस्टर भले ही सऊदी अरब और चीन से 13 अरब डॉलर के नए लोन मिलने का दावा कर रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और है। नवंबर की शुरुआत में दोनों देशों से बातचीत हुई थी और अब तक इनकी तरफ से कोई पैसा मिलना तो दूर, वादा भी नहीं किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन तो एक कदम आगे निकल गया है। उसने पाकिस्तान से 1.3 अरब डॉलर की किश्त मांग ली। पाकिस्तान सरकार ने चीन की इस हरकत पर अब तक कुछ नहीं कहा है। डार अब दावा कर रहे हैं कि सऊदी अरब से बातचीत जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही वहां से 3 अरब डॉलर मिल जाएंगे। दूसरी तरफ, सऊदी अरब ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।