पीडीपी के वरिष्‍ठ नेता रमजान हुसैन भाजपा में हुए शामिल, राष्‍ट्रध्‍वज पर महबूबा के बयान पर जताई नाराजगी

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को उसके एक और वरिष्ठ नेता ने बुधवार को बड़ा झटका दे दिया। पीडीपी के नेता रमजान हुसैन भाजपा में यह कहते हुए शामिल हो गए कि जम्मू-कश्मीर के लोग किसी भी ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं जो राष्ट्र और राष्ट्रध्वज का अपमान करने की कोशिश करते हैं।
भाजपा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने पीडीपी के नेता रमजान हुसैन का स्वागत किया। हुसैन ने बसपा के टिकट पर साल 2014 का जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि तब वह हार गए थे। इसके बाद वह पीडीपी में शामिल हो गए थे। हुसैन पीडीपी से इस्‍तीफा देकर अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए। उन्‍होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पीएम मोदी की नीतियों से आशान्वित हैं।

हुसैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगा की रक्षा करने के लिए अपनी कुर्बानी भी देने को तैयार हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर के लोग किसी ऐसे शख्‍स (महबूबा मुफ्ती) का समर्थन नहीं करते हैं जो राष्ट्र और राष्ट्रध्वज का अपमान करने की कोशिश करता है। हुसैन ने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर शांति और विकास के सही रास्‍ते पर है। हुसैन के भाजपा में शामिल होने के फैसले की तारीफ करते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि अब जाकर वह सही जगह आए हैं।

रैना ने रमजान हुसैन से पूरे उत्साह के साथ पार्टी एवं राष्ट्र की सेवा करने का आह्वान किया। रैना ने दावा किया कि पीडीपी ने देश का अपमान किया है जिसके कारण वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। महबूबा मुफ्ती द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को लेकर दिए गए बयान से आहत पीडीपी के तीन अन्‍य वरिष्ठ नेताओं ने भी सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इन नेताओं ने कहा था कि महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान से देशभक्ति की भावना पर चोट पहुंची है।
उल्‍लेखनीय है कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बीते दिनों 14 महीने की नजरबंदी से रिहा होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि वह तिरंगा तभी थामेंगी जब जम्‍मू-कश्‍मीर का झंडा बहाल हो जाएगा। जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता तब तक उन्हें तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमारा तिरंगे के साथ रिश्‍ता जम्मू-कश्मीर के झंडे की वजह से है। महबूबा मुफ्ती के इस बयान से सियासी माहौल गरमा गया था।

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ