लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और PCC डेलीगेट रामकुमार शुक्ला ने उनका टिकट काटने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भी लिखा है।
रामकुमार शुक्ला ने पत्र में कहा है कि ये शर्म की बात है कि पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव ऐप केस में EOW ने FIR दर्ज की है। उन पर 500 करोड़ लेने का आरोप है। भ्रष्टाचार के चलते कई IAS अफसर और कार्यकर्ता जेल में हैं। दो दिन पहले राजनांगांव के पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दास वैष्णव ‘दाऊ’ ने भी बघेल के सामने पिछली कांग्रेस सरकार को खरी-खोटी सुनाई थी।
उन्होंने कहा कि, वे कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं। उन्होंने पार्टी के दिग्गज नेता श्यामाचरण शुक्ल, विद्याचरण शुक्ल जैसे नेताओं के सामने काम किया है, लेकिन अब पार्टी में केवल मनमानी चल रही है, इसलिए मैंने खड़गे जी को पत्र लिखा है।
शुक्ला ने कहा है कि, महादेव सट्टा एप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर एफआईआर दर्ज होने से कांग्रेस की बदनामी हुई है। उन्होंने कहा कि, भूपेश बघेल के कारण लोकसभा की सभी सीटें प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में राजनांदगांव सीट से भूपेश की जगह स्थानीय नेता को टिकट दिया जाए।
कांग्रेस में चुनाव आते ही एक बार फिर विवादों का दौर चल पड़ा है। दो दिन पहले ही राजनांदगांव से कांग्रेस नेता सुरेंद्र दास वैष्णव ‘दाऊ’ ने मंच से ही पिछली सरकार को खूब-खरी खोटी सुनाई थी। कार्यकर्ता ने कहा कि, 5 साल तक हमारी सरकार रही और तब सबसे ज्यादा हम ही प्रताड़ित रहे।
उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था। तब कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं थी। आज कार्यकर्ताओं की याद आई है। इसके बाद उन्हें कांग्रेस ने नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब देने के लिए कहा है। वहीं दूसरी ओर दाऊ ने भी खड़गे को पत्र लिखकर स्थानीय नेता को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की मांग की है।
सुरेंद्र दाऊ कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं। वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से बड़े नेताओं से यहां के कार्यकर्ता मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा। भूपेश बघेल के करीबी एक स्थानीय नेता नवाज़ खान से भी कार्यकर्ताओं की नाराजगी है। आरोप ये लग रहा है कि अभी भी बड़े नेताओं से कार्यकर्ताओं की दूरी बनाई जा रही है।
भूपेश बघेल जहां-जहां चुनावी मीटिंग ले रहे हैं, वहां केवल कुछ करीबी नेताओं को ही बुलाया जा रहा है। कार्यकर्ताओं में इससे नाराजगी है। भूपेश बघेल राजनांदगांव में लगातार विधानसभाओं का दौरा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। यह पहली बार है कि मंच पर ही उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा।