बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए NDA ने शीट शेयरिंग की घोषणा कर दी है। भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हम के बीच सीटों का बंटवारा हो गया। वहीं, इस बंटवारे में पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को एक भी सीट नहीं मिली है। उनकी पार्टी को पूरी तरह से गठबंधन के अंदर इग्नोर कर दिया गया है। जबकि, 2014 से पशुपति कुमार पारस NDA गठबंधन में है।
एक भी सीट नहीं मिलने से पशुपति पारस का खेमा नाराज है। सूत्रों के मुताबिक पशुपति पारस की पार्टी राजद के संपर्क में हैं। आज साढ़े 11 बजे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि पशुपति पारस बड़ा ऐलान कर सकते हैं। पशुपति पारस ने पहले ही कह दिया है कि वो हर हाल में हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। अब एनडीए में ये सीट चिराग को मिली है।
2019 में हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीत कर पशुपति पारस सांसद बने थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दी और केंद्र में मंत्री बनाया। लेकिन, 2024 में होने जा रहे लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने भतीजे चिराग पासवान को तरजीह दी और चाचा पशुपति कुमार पारस को सीधे नजर अंदाज कर दिया। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि पशुपति कुमार पारस क्या करेंगे? इनका अगला कदम क्या होगा?
सूत्रों के अनुसार NDA के अंदर जगह नहीं मिलने से नाराज पशुपति कुमार पारस राजद के संपर्क में आ गए हैं। 5 सीटों के लिए इनकी बात भी हुई है। संभावना है कि हाजीपुर समेत जो सीटें NDA में चिराग पासवान की पार्टी को मिली है। वहीं, सीटें महागठबंधन में पशुपति कुमार पारस को मिल सकती है।
मतलब, जिन सीटों पर चिराग अपने उम्मीदवार उतारेंगे, उनके खिलाफ चाचा भी अपने उम्मीदवार देंगे। मंगलवार को पशुपति कुमार पारस दिल्ली से पटना आ रहे हैं। इसके काफी कुछ स्पष्ट होगा। बुधवार को वो पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं।
सोमवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार से दिल्ली पहुंचे। संभावना जताई जा रही थी कि सीएम के दिल्ली पहुंचने के बाद पशुपति कुमार पारस उनसे मुलाकात करेंगे। हालांकि, अब इन दोनों प्रमुख नेताओं के बीच मुलाकात की कोई संभावना नहीं है।
सीटों के बंटवारे को लेकर सोमवार की शाम दिल्ली में NDA की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आधिकारिक घोषणा कर दी गई। राष्ट्रीय लोजपा इसी के इंतजार में थी। शुक्रवार को दिल्ली में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पशुपति कुमार पारस ने भी कहा था कि उन्हें आधिकारिक ऐलान का इंतजार है। मगर, हर हाल में वो हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, वो चुनावी मैदान में अकेले जाएंगे या फिर महागठबंधन में शामिल होंगे? यह सवाल भी अभी बरकरार है। इस सवाल का जवाब उन्होंने उस दिन भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं दिया था। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता देवजानी मित्रा के अनुसार जल्द ही अब बैठक होगी और उसी में अगले कदम का फैसला लिया जाएगा।
बिहार में सीटों के ऐलान से पहले ही NDA के अंदर क्या चल रहा है? यह साफ-साफ दिखने लगा था। क्योंकि, हाजीपुर की सीट पर दावा को लेकर चिराग पासवान अपने चाचा पर भारी पड़ते दिख रहे थे। भाजपा के कई दिग्गज नेता चिराग के पक्ष में लगातार बातें कर रहे थे। कुछ महीने पहले से ही सबकुछ धीरे-धीरे सामने आने लगा था।
एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चिराग मिल रहे थे तो दूसरी तरफ पशुपति कुमार पारस से सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय जैसे नेता मिल रहे थे। इससे आप समझ सकते हैं कि कितना बड़ा फर्क आ गया था। भाजपा की तरफ से पशुपति कुमार पारस को किसी राज्य का राज्यपाल बनाने का ऑफर दिया गया था। जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।