राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत हो गई। सत्र की शुरुआत कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पूरी सुरक्षा व कड़े इंतजामों के साथ की गई। 3 बजे से राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई जिसमें सदन के अध्यक्ष व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के अहम हिस्सों को पढ़ा। राष्ट्रपति ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। सबसे पहले उन्होंने समय से लॉकडाउन लागू किए जाने को लेकर केंद्र सरकार को बधाई दी और कहा कि इससे कई लाख जिंदगियां बच गई। साथ ही महामारी के कारण हुई मौतों पर दुख जताया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान विपक्ष की ओर से विरोध जताया गया और कृषि कानूनों को रद करने की मांग के साथ किसानों के समर्थन में खूब नारेबाजी भी हुई। सोमवार, 1 फरवरी तक लोकसभा (Lok Sabha) व राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनिवाल ने पोस्टर लहराया और नारेबाजी की। वे तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘कृषि कानूनों को रद किया जाना चाहिए। हमने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और किसानों के समर्थन में नारे लगाए। हमें सेंट्रल हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। किसानों को देशद्रोही कहा गया इसलिए हमने विरोध किया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘किसानों को इस ठंड में पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले झेलने पड़े। ये तीनों कानून वापस होने चाहिए। इसके लिए आज हम लोगों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया और वहां नारे लगाए। हम लोगों को सेंट्रल हॉल में नहीं घुसने दिया गया।’ राज्यसभा आज दोपहर 3 बजे फिर से शुरू होगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 आज संसद में पेश किया जाएगा।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने पिछले दिनों सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं व उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। सीमा पर चीन के साथ हुए हिंसक झड़प के बारे में बताते हुए राष्ट्रपति ने देश के वीर जवानों की जांबाजी की सराहना की। उन्होंने पिछले साल गलवन घाटी में शहीद जवानों का भी जिक्र किया। संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्यता, ब्रिक्स में अध्यक्ष बनने से लेकर राम मंदिर निर्माण तक में देश की उल्लेखनीय प्रगति का भी राष्ट्रपति ने जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘ऐसे अनेक निर्णय हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में लिए गए हैं। मेरी सरकार ने दिखाया है कि नीयत साफ हो, इरादे बुलंद हों तो बदलाव लाया जा सकता है। इन वर्षों में मेरी सरकार ने जितने लोगों के जीवन को छुआ है, वह अभूतपूर्व है।’ साथ ही उन्होंने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार के उल्लेखनीय गतिविधियो का जिक्र किया। अपने अभिभाषण के अंत में राष्ट्रपति ने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम सब मिलकर आगे बढ़ें, सभी देशवासी मिलकर आगे बढ़ें। अपना कर्तव्य निभाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें। आइए, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।’
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत केवल भारत में मैन्युफैक्चरिंग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हर भारतीय के जीवन स्तर को ऊंचा करने और देश के आत्मविश्वास को बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभियान है। कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से हमारा लक्ष्य और मजबूत होगा।’
राष्ट्रपति ने तीनों कृषि कानूनों का मामला भी उठाया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।’ राष्ट्रपति ने कहा, पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।’
राष्ट्रपति ने देश के मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टरों के लिए देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफैक्चरिंग में दिखने भी लगा है।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘GeM पोर्टल से देश के दूरदराज वाले क्षेत्रों के MSMEs को सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है।’ इससे पहले राष्ट्रपति ने कहा, ‘फेसलेस टैक्स एक्सेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।’
राष्ट्रपति ने गरीब के लिए सरकार द्वारा लाई गई बैंकिंग व्यवस्था के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए 41 करोड़ से अधिक गरीबों के जनधन खाते खोले गए। इनमें से आधे से अधिक खाते हमारी गरीब बहनों और बेटियों के हैं।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘पेरिस समझौते को लागू करने में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। GDP की Emissions Intensity को वर्ष 2005 की तुलना में 2030 तक 33 से 35 फीसद तक कम करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा हे।’
राष्ट्रपति ने देश में आयुष्मान योजना के लाभों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘ प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि योजना के तहत देश भर में बने 7 हजार केंद्रों से गरीबों को बहुत सस्ती दर पर दवाइयां मिल रही हैं। आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है। हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं।’
संसद के लिए नए बिल्डिंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है।’
राष्ट्रपति कोविंद ने आदिवासियों की आजीविका के साधनों का जिक्र करते हुए कहा, ‘आदिवासियों के आजीविका का प्रमुख साधन यानि वन-उपज की मार्केटिंग और वन-उपज आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना का काम भी जारी है। ऐसी कोशिशों से लगभग 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जनजातीय परिवारों तक पहुंची है। सरकार द्वारा 46 वन-उपजों पर MSP, 90 फीसद तक बढ़ाई गई है।’ उन्होंने बताया कि विमुक्त, घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के लिए भी विकास एवं कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है। वहीं दिव्यांगजनों, ट्रांसजेंडर को दी जाने वाली बेहतर सुविधाएं और समान अवसर देने के लिए किए गए उल्लेखनीय कामों जैसे Transgender Persons (Protection of Rights) Act का जिक्र किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।’ उन्होंने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत कवि, असम केसरी, अंबिकागिरि रायचौधरी की कुछ पंक्तियों का जिक्र किया। ये पंक्तियां हैं, ‘ओम तत्सत् भारत महत, एक चेतोनात, एक ध्यानोत, एक साधोनात, एक आवेगोत, एक होइ ज़ा, एक होइ ज़ा।’ राष्ट्रपति ने इन पंक्तियों अर्थ भी बताया, उन्होंने कहा, ‘भारत की महानता परम सत्य है। एक ही चेतना में, एक ही ध्यान में, एक ही साधना में, एक ही आवेग में, एक हो जाओ, एक हो जाओ।’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘ महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।‘ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की। महामारी के कारण शहरों से वापस आए प्रवासियों को उनके ही गांवों में काम देने के लिए मेरी सरकार ने छह राज्यों में गरीब कल्याण रोजगार अभियान भी चलाया।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आगामी दशक भारत के विकास के लिए अहम है। हमें अपने देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों की सीख को याद रखना होगा। संसद के इस सत्र में व्यापक चर्चा होगी।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस दशक का आज पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है, भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज़ादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। भारत के इतिहास में साल 2020 में पहली बार हुआ कि हमें अलग-अलग पैकेज के रूप में चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। इसलिए मुझे विश्वास है कि ये बजट भी उसी श्रृंखला में देखा जाएगा।’
आज से शुरू हो रहे सत्र के मद्देनजर संसद परिसर की सुरक्षा जांच की गई। बता दें कि बजट सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और विपक्ष में तकरार के आसार हैं। हालांकि, गुरुवार को कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों की ओर से कहा गया कि वे आज होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। वहीं बीजू जनता दल ने इससे दूरी बनाई है और कहा है कि वह संसद में उपस्थित रहकर हर मुद्दे पर अपनी बात रखेगा।
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए भी कभी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जिन मुद्दों को लेकर बहिष्कार करने जा रहे उन्हें धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भी उठाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सांसदों को सभाकक्ष के अलावा गैलरी और कॉरिडोर में भी बिठाया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण यानि आज और बजट भाषण यानि 1 फरवरी को सेंट्रल हॉल में सांसदों के बैठने का इंतजाम होगा।कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार बजट की प्रति, दस्तावेज और आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखे जाने के बाद ऑनलाइन/डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। इसकी कागज की प्रतियां उपलब्ध नहीं होगी। साथ ही कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पिछले मानसून की तरह लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही पांच-पांच घंटे की होगी और इसे अलग-अलग शिफ्ट में संचालित किया जाएगा। राज्यसभा सुबह और लोकसभा शाम को संचालित होगी। बजट सत्र के दौरान दो अध्यादेशों को कानून का रूप देने का प्रयास किया जाएगा। बजट सत्र में प्रश्नकाल आयोजित होगा।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ