17वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है। इस दौरान लोकसभा में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब कई नेताओं ने अलग-अलग भाषाओं में लोकसभा के भीतर शपथ ली। शपथ लेने का अंदाज भले ही एक था, लेकिन सबकी जुबान से निकलने वाले शब्द अलग-अलग भाषा के थे।
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदी में ही शपथ ली। लेकिन आज शपथ लेने वाले सांसदों में कई ऐसे भी रहे, जिन्होंने अलग भाशा में शपथ ली। शपथ लेने सांसदों में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने तो संसद में बैठे लोगों को चौंका दिया जब उन्होंने संस्कृत में अपनी शपथ ली।डॉ. हर्षवर्धन की ही तरह राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और प्रदीप चंद्र सारंगी ने भी संस्कृत में ही शपथ ली।
कर्नाटक से चुनकर आए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी और केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्री सदानंद गौड़ा दोनों ने अपनी शपथ कन्नड़ भाषा में ली।
लेकिन केरल से चुनकर आए कांग्रेस सांसद कोडीकुन्निल सुरेश ने तो मातृभाषा मलयालम को छोड़कर हिंदी में अपना भाषा दिया और ऐसा कर उन्होंने वहां मौजूद लोगों को चौंका ही दिया। कोडीकुन्निल सुरेश ने पीएम मोदी के ठीक बाद शपथ ली। जम्मू कश्मीर की धरती से चुनकर आए राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने अपनी मातृभाषा डोगरी में शपथ ली।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय हरसिमरत कौर, जिन्होंने 30 मई को शपथ ग्रहण के दौरान अंग्रेजी में शपथ ली थी, आज उन्होंने पंजाबी में शपथ लेना सही समझा।होशियारपुर से बीजेपी सांसद सोम प्रकाश ने भी पंजाबी में अपनी शपथ ली।
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रामेश्वर तेली, कृपानाथ मल्लाह और नबा कुमार सरनाई ने असमी में अपनी शपथ ली।रायगंज से सांसद देबाश्री चौधरी और सिलचर से सांसद राजदीप रॉय दोनों ने बंगाली में अपनी शपथ ली। शिवसेना के सांसद और कैबिनेट मंत्री अरविंद सावन ने मराठी में शपथ ली। तो केंद्रीय मंत्री श्रीपद येसो नायक ने कोंकणी में शपथ लिया।
ठीक इसी तरह आंध्र प्रदेश से चुनकर आए तेलारी रंगैय्या, वेंगा गीताविश्वनाथ, वाइएस अविनाश रेड्डी, बीसेत्ती वेंकट सत्यवती, अदाला प्रभाकर रेड्डी, बेल्लना चंद्र शेखर, गोद्देती माधवी, ए वी वी सत्यनारायण, मार्गणी भारत. एन रेदेप्पा, बालाशोरी वल्लभनेनी, नंदीग्राम सुरेश और पोचा ब्रह्मानंद रेड्डी ने तेलुगू में शपथ ली। उनके साथ कुछ विरोधी पार्टी के नेताओं ने अंग्रेजी में शपथ ली।